Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान का संकेत मिल गया है। चुनाव आयोग की सक्रियता और राज्य में 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची (Voter List) प्रकाशित होने की तैयारी के साथ ही यह लगभग तय हो चुका है कि बिहार में चुनावी बिगुल जल्द ही बजने वाला है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार सहित निर्वाचन आयोग (ECI) की एक उच्च-स्तरीय टीम अगले सप्ताह बिहार का दौरा करने वाली है।
चुनाव की घोषणा कब हो सकती है?
माना जा रहा है कि बिहार में विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम 30 सितंबर को जारी होने वाली नई वोटर लिस्ट के आने के साथ ही हो सकता है। हालांकि ये भी मानना है कि दशहरा (2 अक्टूबर) के आसपास भी चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है। कुल मिला जुलाकर वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने की अंतिम तिथि 22 नवंबर से पहले नई विधानसभा का गठन किया जाना है। हालांकि, आयोग को यह ध्यान रखना होगा कि छठ पूजा 25-28 अक्टूबर भी इसी दौरान पड़ रही है।
चुनाव तैयारियों को लेकर ECI का बिहार दौरा
चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए 4 और 5 अक्टूबर को बिहार का दौरा करेगा। इस दौरे से ठीक पहले, चुनाव पर्यवेक्षकों (सामान्य, पुलिस और व्यय) की एक संक्षिप्त बैठक 3 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित की जाएगी। आमतौर पर ECI का किसी चुनावी राज्य का दौरा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ ही दिन पहले होता है, जो बिहार में जल्द घोषणा होने का स्पष्ट संकेत है।
30 सितंबर को जारी होगी SIR की अंतिम सूची
बिहार इस बार देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां चुनाव आयोग के आदेश पर मतदाता सूचियों का एक विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) किया गया है। 24 जून को ECI ने पूरे देश के लिए SIR का आदेश दिया था, लेकिन चुनावी राज्य होने के कारण बिहार में इसे तुरंत लागू कर दिया गया। इस प्रक्रिया के बाद, अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित हो जाएगी, जिससे चुनाव की घोषणा का रास्ता पूरी तरह साफ हो जाएगा।
लाखों मतदाता सूची से बाहर
SIR प्रक्रिया में मौजूदा सूचियों को केवल संशोधित करने के बजाय, उन्हें नए सिरे से तैयार किया गया। बिहार के सभी 7.89 करोड़ मौजूदा मतदाताओं को मसौदा सूची में बने रहने के लिए अपने फॉर्म जमा करने थे। 1 अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची में केवल 7.24 करोड़ मतदाता थे, जबकि शेष 65 लाख मतदाताओं को मृत, स्थानांतरित, पहले से कहीं और नामांकित या लापता होने के कारण हटा दिया गया। यह पुनरीक्षण 2003 के बाद किया गया पहला गहन पुनरीक्षण है, जिसमें सभी मतदाताओं को अपनी नागरिकता सहित पात्रता साबित करने वाले दस्तावेज जमा करने पड़े थे।
पिछले विधानसभा चुनाव साल 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान हुए थे। इस बार ECI का यह SIR फैसला बिहार चुनाव को एक नई प्रक्रिया के आधार पर होने वाला पहला चुनाव बना रहा है, जो चुनावी पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है।