कुछ महीनों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों को देखते हुए, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने RJD के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होने की गहरी इच्छा जताई है। न्यूज एजेंसी IANS के अनुसार, पार्टी तेजस्वी यादव की हरी झंडी का इंतजार कर रही है। न्यूज एजेंसी AIMIM प्रवक्ता आदिल हसन ने IANS से कहा, "महागठबंधन में शामिल होने को लेकर हम बहुत सकारात्मक हैं। हमारी विचारधारा BJP को हराना और बिहार को सशक्त बनाना है।"
उन्होंने आगे कहा, "2020 में भी पार्टी ने महागठबंधन का हिस्सा बनने का अनुरोध किया था। हमारा मकसद BJP को हराना है। बिहार में NDA सरकार पूरी तरह विफल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वर्तमान स्थिति जगजाहिर है। 2014 में बिहार ने NDA को 32 सांसद भेजे, 2019 में 39 और 2024 में 30, फिर भी BJP ने बिहार को कुछ नहीं दिया।"
'सारा निवेश गुजरात में जा रहा है'
AIMIM नेता ने दावा किया कि सारा निवेश गुजरात में जा रहा है, बिहार के मजदूर काम के लिए वहां जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी बिहार को 'बीमारू' राज्य के टैग से ऊपर उठाने पर चर्चा के लिए बैठक नहीं की है। उन्हें बिहार से केवल लिट्टी, लीची, क्रिकेटर और चाय ही याद है।
AIMIM प्रवक्ता ने कहा, "महागठबंधन में RJD सबसे बड़ी पार्टी है और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश रखते हैं। AIMIM ने कभी भी मुख्यमंत्री पद की चाहत नहीं रखी है। हमारी मांगें आर्थिक पैकेज और सीमांचल के लिए विशेष दर्जे तक सीमित हैं। अगर आरजेडी सहमत है, तो हम हाथ मिलाने को तैयार हैं।"
अलग-अलग सरकारों को समर्थन देने के उदाहरणों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस तेलंगाना में AIMIM को सम्मान दे सकती है, तो तेजस्वी यादव को बिहार में भी उदारता दिखानी चाहिए। हम UPA में साथ रहे हैं, तो समस्या क्या है? उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी उदारता की कमी से केवल तीसरे पक्ष को ही फायदा होगा।