Bihar Assembly Elections 2025 : बिहार में विधानसभा चुनाव करीब हैं और इसी बीच मोकामा में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड ने सियासत गरमा दी है। शनिवार (1 नवंबर) को 'महागठबंधन' के मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव ने पटना में मीडिया से बात करते हुए इस घटना को लेकर चुनाव आयोग और NDA सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि हत्याकांड के आरोपी अभी भी इलाके में खुलेआम घूम रहे हैं और पुलिस प्रशासन उन्हें सुरक्षा दे रहा है।
तेजस्वी ने कहा, "दिन-दहाड़े हत्या हो जाती है, नाम दर्ज FIR होती है, फिर भी आरोपी थाने के सामने से काफिले में घूम रहा है। 40-40 गाड़ियों के साथ हथियार लेकर प्रचार कर रहा है। कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई? चुनाव आयोग कहां है? चुनाव आयोग मर गया क्या?"
तेजस्वी ने आगे कहा कि अपराधी बेलगाम हो चुके हैं और सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग केवल विपक्षी दलों के खिलाफ सख्त है, जबकि सत्ताधारी दल और उसके उम्मीदवारों को खुली छूट मिलती है। तेजस्वी बोले, "क्या चुनाव आयोग का कानून सिर्फ विपक्षी दलों के लिए है? सत्ता पक्ष जो चाहे करे, हत्या करे, रंगदारी चलाए और कोई कानून नहीं! चुनाव आयोग गायब है।" उन्होंने आरोप लगाया कि मोकामा में हुए हत्याकांड के बाद अभी तक कोई आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
चुनाव में खुलेआम पैसे बांटे जा रहे - तेजस्वी
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान 10,000 रुपए बांटी जा रही है, लेकिन चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। "चुनाव में पैसे बांटे जा रहे, विपक्षी दलों के नेताओं की हत्या हो रही, लेकिन चुनाव आयोग कहीं दिख ही नहीं रहा।" उन्होंने कहा कि जनता इस बार NDA को सत्ता से बाहर करने का मन बना चुकी है। "बिहार की जनता सब देख रही है। इस बार भाजपा और NDA को उठाकर पटक देगी।"
चुनाव से पहले माहौल गर्म
बता दे कि गुरुवार (30 अक्टूबर) को दुलारचंद यादव जन सुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार करने गए थे, जहां उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के कारण मोकामा और आसपास के क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है।
दुलारचंद हत्याकांड में अब तक तीन अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं। पहली FIR मृतक दुलारचंद यादव के पोते की ओर से दर्ज कराई गई है, जिसमें अनंत सिंह सहित पांच अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। दूसरी FIR अनंत सिंह के समर्थक की ओर से दर्ज हुई है, जिसमें छह लोगों को नामजद किया गया है। वहीं तीसरी FIR पुलिस ने खुद दर्ज की है, जो सार्वजनिक स्थान पर हुई हिंसा, पथराव और तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर की गई है। कुल मिलाकर, मोकामा हत्याकांड ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है और इस मुद्दे पर नेताओं की बयानबाज़ी तेज हो गई है।
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