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Bihar Chunav 2025: नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव या प्रशांत किशोर, कौन है बिहार की पहली पसंद? सर्वे में आए ये नतीजे

Biha Election 2025: नीतीश कुमार बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले व्यक्ति हैं और वे लगातार 10 सालों से मुख्यमंत्री हैं। अगर नीतीश कुमार तीसरे नंबर पर हैं, तो बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार कौन है? C-Voter सर्वे से पता चला है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव बिहार के अगले मुख्यमंत्री के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार हैं

अपडेटेड Apr 20, 2025 पर 9:36 PM
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Bihar Chunav 2025: नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव या प्रशांत किशोर, कौन है बिहार की पहली पसंद? सर्वे में आए ये नतीजे

बिहार विधानसभा चुनाव में अब करीब छह महीने बाकी रह गए हैं, लेकिन चुनावी रुझानों पर नजर रखने वाली एजेंसी C-Voter एक सर्वे किया और पता लगाने की कोशिश की कि मु्ख्यमंत्री के रूप में राज्य की जनता की पहली पसंद कौन है। इस सर्व से पता चला है कि JDU नेता और मौजूदा CM नीतीश कुमार अगले बिहार चुनाव के लिए पहली पसंद नहीं हैं। नीतीश कुमार बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले व्यक्ति हैं और वे लगातार 10 सालों से मुख्यमंत्री हैं।

अगर नीतीश कुमार तीसरे नंबर पर हैं, तो बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार कौन है? C-Voter सर्वे से पता चला है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव बिहार के अगले मुख्यमंत्री के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार हैं।

इस बीच, विश्लेषक से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने रैंकिंग में दूसरा नंबर हासिल किया। किशोर ने हाल ही में अपनी पार्टी जन सुराज की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी पहली बार बिहार चुनाव लड़ेगी और वह भी सभी 243 विधानसभा सीटों पर।


चौथे नंबर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री और BJP नेता सम्राट चौधरी हैं। बिहार के एक और मंत्री और BJP के सहयोगी चिराग पासवान बिहार के सीएम पद के लिए पांचवें लोकप्रिय उम्मीदवार हैं।

किसकी लोकप्रियता घटी, किसकी बढ़ी?

सी-वोटर सर्वे के अनुसार, नीतीश कुमार की लोकप्रियता में 3 प्रतिशत की गिरावट आई है - फरवरी 2025 में 18 प्रतिशत से अप्रैल में 15 प्रतिशत तक। तेजस्वी यादव बिहार के सीएम पद के लिए पहली पसंद बनकर उभरे, लेकिन उनकी लोकप्रियता फरवरी में 40.6 प्रतिशत से घटकर अप्रैल में 35.5 प्रतिशत रह गई। इस बीच, प्रशांत किशोर की लोकप्रियता में करीब दो प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई - 14.9 प्रतिशत से बढ़कर 17.2 प्रतिशत हो गई।

नीतीश कुमार बनाम तेजस्वी यादव बनाम प्रशांत किशोर

अब सवाल ये उठता है कि एक महीने के भीतर ही लोकप्रियता में यह बदलाव क्यों? सी-वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख ने आगामी बिहार चुनावों में तीन प्रमुख नेताओं की लोकप्रियता में बदलाव का विश्लेषण किया और इस बदलाव के पीछे के फैक्टर को भी समझाया।

नीतीश कुमार

यशवंत देशमुख ने कहा कि नीतीश कुमार की "ऑल टाइम हाई पॉपुलेरिटी" पर "धब्बा" लगा है। उन्होंने बिहार के सीएम के रूप में उनकी लोकप्रियता में गिरावट के लिए ये फैक्टर गिनाए:

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA), जिसका नीतीश कुमार की जेडी(यू) हिस्सा है, ने सीएम चेहरे की घोषणा नहीं की है। यह एक कारण हो सकता है कि बीजेपी के सम्राट चौधरी और LJP के चिराग पासवान के नाम आगे आए हैं। BJP, JDU और LJP बिहार चुनाव एक साथ गठबंधन में लड़ेंगे।

दूसरा लोग उनके तबीयत को लेकर परेशान हैं।

पिछले 10 सालों में नीतीश कुमार के "पेंडुलम स्विंग" ने नीतीश कुमार की "विश्वसनीयता और लोकप्रियता" को नुकसान पहुंचाया है। पिछले 10 सालों में कुमार ने पांच बार गठबंधन बदला है।

देशमुख ने कहा कि नीतीश कुमार को पार्टी लाइन के पार जाकर समर्थन मिलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। देशमुख ने कहा कि लोग नीतीश कुमार या बिहार में NDA सरकार से "व्यक्तिगत रूप से नाराज" नहीं हैं। लेकिन नीतीश कुमार की "अनुपस्थिति" और उनके स्वास्थ्य ने मतदाताओं में "निष्क्रियता" पैदा कर दी है।

तेजस्वी यादव

सी-वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख ने तेजस्वी यादव की लोकप्रियता में गिरावट के लिए "कांग्रेस की आक्रामकता" को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि RJD ने अभी तक पूरी तरह से चुनाव प्रचार अभियान शुरू नहीं किया है। देशमुख ने कहा कि बिहार में कांग्रेस का पूरी तरह सफाया नहीं हो सकता।

प्रशांत किशोर

देशमुख ने कहा कि प्रशांत किशोर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की तरफसे पैदा किए गए "जीरो" का फायदा उठा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस लोकप्रियता का मतलब जरूरी नहीं कि वोटों में बढ़ोतरी (या वोट रूपांतरण) और सीटें जीतना हो।

उनका मानना ​​है कि किशोर के जन सुराज में "उम्मीदवारों की कोई कमी नहीं होगी।" उन्होंने कहा कि जिन लोगों को किसी भी गठबंधन (NDA या INDIA) से चुनाव टिकट नहीं मिल रहा है, वे किशोर की टीम में जा सकते हैं।

बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए इस साल अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने अभी तक चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है।

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