Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति में हलचल लगातार बढ़ रही है। इसी कड़ी में RLM के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा शुक्रवार (5 सितंबर) को पटना में बड़ी रैली करने जा रहे हैं। यह रैली राजधानी पटना के मिलर हाई स्कूल ग्राउंड में दोपहर 1 बजे से आयोजित होगी। कुशवाहा ने इसे ऐतिहासिक रैली बताते हुए दावा किया है कि मिलर स्कूल ग्राउंड में आज तक ऐसी रैली नहीं हुई होगी, जैसी यह रैली होने जा रही है।
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM लंबे समय से परिसीमन सुधार की मांग को लेकर आंदोलन चला रही है। इस अभियान के तहत सबसे पहली रैली 25 मई को रोहतास जिले के बिक्रमगंज में आयोजित हुई थी। इसके बाद दूसरी रैली मुजफ्फरपुर और तीसरी रैली गया में हुई। अब इस अभियान को राज्यस्तर पर मजबूत करने के लिए पटना में संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार रैली आयोजित की जा रही है।
कुशवाहा का कहना है कि परिसीमन का मुद्दा केवल बिहार का नहीं बल्कि पूरे देश का है। उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान के मुताबिक हर 10 साल पर जनगणना और उसके आधार पर परिसीमन होना चाहिए। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे रोक दिया। उनका दावा है कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को न सिर्फ बिहार बल्कि देशभर में उठाएगी।
RLM प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि पिछले 50 वर्षों से कांग्रेस की सरकार ने विधानसभा और लोकसभा परिसीमन पर कोई काम नहीं किया है। अगर समय पर परिसीमन होता तो आज बिहार में 40 नहीं बल्कि 60 लोकसभा सीटें होतीं। ऐसे में बिहार को विकास कार्यों के लिए जो फंड मिला, वह 40 सीटों के हिसाब से ही मिला। जबकि असल में राज्य 20 और सीटों का हकदार था।
कुशवाहा ने इसे बिहार के साथ बड़ा अन्याय बताते हुए कहा कि इसी हक की लड़ाई और न्याय दिलाने के लिए उनकी पार्टी ने संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार रैली आयोजित करने का फैसला लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह रैली उपेंद्र कुशवाहा के लिए सिर्फ परिसीमन की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने का भी मंच है। विधानसभा चुनाव से पहले वे जनता के बीच यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी पार्टी केवल मुद्दों की राजनीति करती है और संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है।
5 सितंबर को होने वाली यह रैली इसलिए भी खास मानी जा रही है, क्योंकि यह दिन शिक्षक दिवस के साथ-साथ शहीद जगदेव प्रसाद का शहादत दिवस भी है। जगदेव प्रसाद कुशवाहा समाज के बड़े नेता रहे हैं और उनकी हत्या कर दी गई थी। इस दिन को चुनकर कुशवाहा समाजिक और राजनीतिक संदेश भी देना चाहते हैं।
उन्होंने साफ कहा है कि उनकी पार्टी हंगामा कर राजनीति करने में विश्वास नहीं करती, बल्कि जनता की समस्याओं के समाधान पर ध्यान देती है। हालांकि राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि यह रैली विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की शक्ति दिखाने और कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने का एक जरिया भी है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब केवल कुछ ही महीनों का समय बचा है। सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियां तय कर रहे हैं। ऐसे में कुशवाहा की यह रैली आगामी चुनाव की तैयारी का हिस्सा भी मानी जा रही है। परिसीमन जैसे संवैधानिक मुद्दे को उठाकर वे जनता के बीच अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।