Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में इस साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का एक बयान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। राजधानी दिल्ली में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती को लेकर आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान सैनी ने कथित तौर पर कहा कि हरियाणा के बाद अब बिहार में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व में विजय पताका फहराया जाएगा। हालांकि, खुद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और सम्राट चौधरी JDU प्रमुख नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का अगला चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।
रविवार (13 अप्रैल) को नई दिल्ली में ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज द्वारा महात्मा ज्योतिबा फूले जी की जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजित "राष्ट्रीय जागृति महासम्मेलन" में हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल समेत अनेक NDA के सीनियर नेता मौजूद थे।
इस दौरान हरियाणा सीएम सैनी ने कहा, "भाइयों सम्राट चौधरी जी यहां बैठे हैं। हरियाणा के बाद इबजा बिहार की बारी है। यह विजय पताका रुकनी नहीं चाहिए। ये विजय का झंडा बिहार के अंदर भी फहराया जाएगा। और हमारे सम्राट चौधरी के नेतृत्व में फहराया जाएगा।"
एक दिन पहले ही सम्राट चौधरी ने कहा था कि बिहार का भविष्य बनाना है तो नीतीश कुमार को वोट देना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि नीतीश कुमार ही NDA के नेता हैं। चौधरी ने कहा, "नीतीश कुमार एनडीए के नेता हैं और आगे भी रहेंगे।"
इन तमाम बयानों के बीच 2025 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में कौन बड़े भाई की भूमिका में रहेगा, यह दिलचस्प होने वाला है। जेडीयू का दावा है कि बिहार में नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं है। पार्टी का कहना है कि जेडीयू ही 2025 के चुनाव में बड़े भाई की भूमिका में रहेगी। इसके पीछे लोकसभा चुनाव के नतीजों का हवाला भी दिया जा रहा है।
नीतीश कुमार ने पिछले साल नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस बार भी स्थिति 2020 के चुनावों जैसी ही है। एनडीए के नेता एकजुट हैं। लेकिन उनके मतदाताओं के लिए नहीं कहा जा सकता है। नीतीश जानते हैं कि उन्होंने पिछला चुनाव मुश्किल से जीता था।
JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य संजय झा अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर विधानसभा चुनावों से पहले सीएम नीतीश कुमार की छवि को चमकाने के लिए कई तरह की गतिविधियों पर रणनीतिक रूप से काम कर रहे हैं। हालांकि, अब महाराष्ट्र में भी इसी तरह की चर्चा हो रही है। बीजेपी नेताओं को अब भी लगता है कि अगर उनकी पार्टी ज्यादा सीटें जीतती है तो सीएम फेस बदल सकता है।
JDU नेतृत्व इस संभावना से अच्छी तरह वाकिफ है। लेकिन वह इसे सार्वजनिक करने से बचता है। इसके बजाय, जेडीयू के वरिष्ठ नेताओं ने अपने नेता की छवि को सुधारने और यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई कि चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी कार्यकर्ता उनके साथ विश्वासघात न करें। इसकी योजना पिछले साल 28 अक्टूबर को शुरू हुई थी। जब नीतीश ने एनडीए के सभी सहयोगियों के प्रदेश और जिला अध्यक्षों और अन्य नेताओं को अपने आवास पर बुलाया था।
संजय झा ने योजना की रूपरेखा बताई, जिसका समर्थन सम्राट चौधरी ने किया। कार्यकर्ताओं के बीच एकता बनाना जल्द ही योजना ने एक नया आयाम ले लिया। संजय झा ने जॉर्ज फर्नांडीस की भूमिका निभाते हुए बीजेपी नेताओं और छोटे सहयोगियों तक पहुंच बनाकर सफलतापूर्वक सभी को यह विश्वास दिलाया कि अगर एनडीए को 243 में से 225 सीटें जीतनी हैं, तो जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट होना होगा।