Bihar Election 2025: बिहार में कांग्रेस अपनी साख बचा पाएगी? चुनाव से पहले पार्टी में रणनीति पर उठे सवाल
Bihar Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने पार्टी की रणनीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या कांग्रेस पार्टी गठबंधन की राजनीति करेगी या फिर अकेले चलने का फैसला लेगी? हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में कांग्रेस की हार के बाद अब बिहार का चुनाव विपक्ष के लिए अहम हो गया है
Bihar Election 2025: तारिक अनवर ने हाईकमान को अलर्ट करते हुए कहा कि अब हमारे पास वक्त नहीं है
Bihar Election 2025: महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार से पार्टी के अंदर ही घमासान मच गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने पार्टी की रणनीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या कांग्रेस बिहार पार्टी गठबंधन की राजनीति करेगी या फिर अकेले चलने का फैसला लेगी? कांग्रेस लगातार तीसरी बार दिल्ली में खाता नहीं खोल पाई है। हालांकि, चुनाव से पहले पार्टी का दावा था कि इस बार दिल्ली में वह सरकार बनाएगी।
भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रचंड जीता हासिल की है। दिल्ली नतीजों को लेकर तारिक अनवर ने कहा कि बिहार चुनाव इसी साल अक्टूबर या नवंबर में है। ऐसे में बिना कोई वक्त गंवाए कांग्रेस को तैयारी में जुट जाना चाहिए। अनवर ने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद बिहार चुनावों के लिए राजनीतिक और गठबंधन की तैयारियों को लेकर तुरंत फैसला करनी चाहिए।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के सदस्य अनवर ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को हाल के राज्य चुनावों में खराब प्रदर्शन से सबक लेते हुए बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और अन्य के साथ गठबंधन पर तुरंत स्पष्टता लानी चाहिए। जल्द से जल्द समन्वय बैठकें शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ बीजेपी-JDU गठबंधन अपनी चुनावी तैयारियों पर पहले से ही आक्रामक तरीके से काम कर रहा है।
तारिक अनवर ने इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में कहा, "हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में कांग्रेस की हार के बाद अब बिहार का चुनाव विपक्ष के लिए अहम हो गया है। इसका असर बिहार में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में पड़ता है। यह कांग्रेस और हमारे सहयोगी दलों की जरूरत है कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू को हरा दिया जाए। इसलिए मेरी राय है कि हम देरी स्वीकार नहीं कर सकते। यदि लेट हुए तो नुकसान होगा। चुनाव से कुछ सप्ताह या दिन पहले ऐक्टिव करने से कोई फायदा नहीं है। हमें अभी से बिहार चुनाव की तैयारी शुरू करनी होगी।"
दिल्ली में कांग्रेस ने विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ा था। राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है क्योंकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी। यहां केवल पार्टी को 6 फीसदी से अधिक वोट मिले। ऐसी संभावना है कि दिल्ली में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन का असर बिहार में हो सकता है। बिहार में RJD अब कांग्रेस को कम सीटें देने की तैयारी में है।
दिल्ली में आठ फरवरी को विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बहुमत हासिल किया है। बीजेपी ने दिल्ली की 70 में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) केवल 22 सीटों पर सिमट गई। जबकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी।
अब बिहार चुनाव पर सभी की नजर है। इसी साल अक्टूबर-नवंबर महीने में चुनाव होने हैं। कांग्रेस बिहार में खुद को RJD के बाद सबसे अहम पार्टी मानती है। इसलिए वह सीटों के बंटवारों में किसी समझौते के मूड में नहीं दिखाई दे रही है। सूत्रों का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी। ऐसे में सीट बंटवारे का पेंच फंस सकता है।