बिहार में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। विपक्षी ‘इंडिया गठबंधन’ की मेनिफेस्टो कमेटी पटना के सदाकत आश्रम में लगातार बैठकों के जरिए अपना चुनावी वादा-पत्र तैयार करने में जुटी हुई है। सोमवार को हुई अहम बैठक के बाद मंगलवार को भी चर्चा जारी रही। सोमवार को हुई पहली बैठक में यह तय किया गया कि गठबंधन का चुनावी एजेंडा महिलाओं, नौजवानों और समाज के वंचित वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा।
बैठक में यह लगभग तय हो गया है कि गठबंधन सभी महिलाओं को ₹2500 प्रति माह आर्थिक सहायता देने का वादा अपने घोषणापत्र में करेगा। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि राज्य की महिलाएं अब सिर्फ मतदाता नहीं, बल्कि निर्णायक भूमिका में हैं।
इसके अलावा बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को मिलने वाली पेंशन ₹1000 से बढ़ाकर ₹1500 करने की सिफारिश भी की गई है। कांग्रेस ने सुझाव दिया है कि हर नागरिक को सालाना ₹25 लाख तक का मुफ्त इलाज सरकार उपलब्ध कराए,
मेनिफेस्टो में शिक्षा को सबसे बड़ी प्राथमिकता देने की बात कही गई है। सरकारी स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल क्लासरूम और प्रशिक्षित शिक्षकों की बहाली की योजना पर विचार हुआ।
युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकारी पदों पर नियमित भर्ती, लोक सेवा आयोग की पारदर्शिता और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स की बात भी उठी है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घोषणाएं सीधे तौर पर नीतीश कुमार और बीजेपी के ‘सुशासन मॉडल’ को टक्कर देने के लिए तैयार की जा रही हैं। गठबंधन खासकर उन वर्गों को टारगेट कर रहा है, जो या तो उपेक्षित महसूस करते हैं या मौजूदा सरकार से नाराज हैं।
बैठक में कौन-कौन नेता थे शामिल?
बैठक में गठबंधन के अलग-अलग दलों के वरिष्ठ नेता और नीति विशेषज्ञ शामिल थे। RJD से सांसद सुधाकर सिंह, प्रोफेसर अनवर पाशा, सुबोध मेहता, कांग्रेस से अमिताभ दूबे, करुणा सागर, CPIML से मीना तिवारी, प्रोफेसर अभ्युदय, CPM से सर्वोदय शर्मा, VIP से दिनेश सहनी, नुरुल होदा और CPI से राम बाबू कुमार ने इस बैठक में हिस्सा लिया।
कमेटी की तरफ से तैयार किए गए मसौदे पर आखिरी फैसला ‘इंडिया गठबंधन’ की समन्वय समिति लेगी। उम्मीद है कि इंडिया गठबंधन चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले घोषणा पत्र तैयार कर लेगा।