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कॉल सेंटर से बॉलीवुड तक का सफर, अब बिहार चुनाव में आजमा रहीं किस्मत...इस उम्मीदवार की कमाल की है कहानी

Bihar Assembly Elections 2025 : चेतना झांब की राजनीतिक शुरुआत जन सुराज पार्टी से हुई थी, लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने हार मानने के बजाय निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बिहार चुनाव लड़ने का फैसला किया। उनके नॉमिनेशन एफिडेविट के मुताबिक, चेतना झांब के पास करीब 3 करोड़ रुपये की संपत्ति है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 25, 2025 पर 4:10 PM
कॉल सेंटर से बॉलीवुड तक का सफर, अब बिहार चुनाव में आजमा रहीं किस्मत...इस उम्मीदवार की कमाल की है कहानी
भोजपुरी सिनेमा की मशहूर फिल्म ‘बेगुनाह’ की प्रोड्यूसर चेतना झांब अब राजनीति में कदम रख चुकी हैं।

Bihar Assembly Elections 2025 : भोजपुरी सिनेमा की मशहूर फिल्म ‘बेगुनाह’ की प्रोड्यूसर चेतना झांब अब राजनीति में कदम रख चुकी हैंवे इस बार समस्तीपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैंचेतना झांब स्थानीय राजनीति में एक नए और उभरते चेहरे के रूप में सामने आई हैंराजनीति में उनका आना किसी अचानक लिए गए फैसले का नतीजा नहीं है, बल्कि पिछले छह महीनों से लगातार जनता के बीच रहना, गांवों का दौरा करना और ज़मीनी स्तर पर लोगों की समस्याएं समझना उनकी इस नई यात्रा की असली वजह है।

जनसुराज से नहीं मिला टिकट

चेतना झांब की राजनीतिक शुरुआत जन सुराज पार्टी से हुई थी, लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने हार मानने के बजाय निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बिहार चुनाव लड़ने का फैसला किया। उनके नॉमिनेशन एफिडेविट के मुताबिक, चेतना झांब के पास करीब 3 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसमें 1 लाख रुपये नकद, HDFC बैंक में 5 लाख रुपये, 2 किलो सोना, 1 किलो चांदी, और करीब 1 करोड़ रुपये की एक लग्जरी कार शामिल है।

कॉल सेंटर से की थी करियर की शुरुआत

हालांकि आर्थिक रूप से संपन्न होने के बावजूद, चेतना अपनी सादगी और मिलनसार स्वभाव के लिए जानी जाती हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि वह हमेशा ज़मीन से जुड़ी रहती हैं और अपनी सफलता का इस्तेमाल लोगों की भलाई और जागरूकता अभियानों में करती हैं न कि सिर्फ़ अपने प्रचार के लिए। चेतना झांब की कहानी मेहनत और हौसले की मिसाल है। समस्तीपुर की रहने वाली चेतना ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली से की, जहाँ पढ़ाई के साथ वह एक कॉल सेंटर में काम करती थीं और हर महीने सिर्फ 3,000 रुपये कमाती थीं।

इसके बाद उन्होंने एयर होस्टेस का कोर्स किया और किस्मत ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री तक पहुँचा दिया। उन्हें असली पहचान तब मिली जब उन्होंने रितेश पांडे स्टारर भोजपुरी फिल्म ‘बेगुनाह’ को प्रोड्यूस किया। हाल ही में चेतना ने अपने गृह जिले समस्तीपुर में फिल्म ‘अनमोल घड़ी’ के कुछ हिस्सों की शूटिंग कराई, जिससे इलाके का नाम एक बार फिर भोजपुरी सिनेमा की दुनिया में चमक उठा।

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