जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे NDA गठबंधन के घटक दलों के बीच सियासी तनातनी तेज होती जा रही है। गया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय प्रवक्ता इंजीनियर नंदलाल मांझी ने चिराग पासवान पर बिना नाम लिए जोरदार हमला बोला। नंदलाल मांझी ने कहा कि "कुछ लोग अभिनेता से नेता बने हैं और अब मुख्यमंत्री बनने की हड़बड़ी में हैं।" उन्होंने साफ किया कि NDA आगामी विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ेगी और नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं है।
इस बयान की पृष्ठभूमि में LJP (रामविलास) के सांसद अरुण भारती की सोशल मीडिया पोस्ट है, जिसमें उन्होंने परोक्ष रूप से 'HAM' पार्टी के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पर तंज कसा था। उन्होंने लिखा था कि चिराग पासवान को बहुमत साबित करने से पहले इस्तीफा देने का अनुभव नहीं है, जो 2015 में मांझी के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की ओर इशारा था।
मांझी का अनुभव किसी की उम्र से भी ज्यादा: नंदलाल
इस टिप्पणी से 'HAM' पार्टी के नेता नाराज हो गए। नंदलाल मांझी ने पलटवार करते हुए कहा, "जीतनराम मांझी पर सवाल उठाने से पहले लोग ये समझ लें कि मांझी जितने साल विधानसभा में रहे हैं, उतनी उम्र तो कुछ नेताओं की भी नहीं है।" उन्होंने आगे कहा कि मांझी ने 13 मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया है और अपने संघर्ष से मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री बने हैं, ना कि किसी की कृपा से।
नंदलाल ने कहा कि "जीतनराम मांझी होना आसान नहीं, इसके लिए जिगरा चाहिए।" उन्होंने मांझी को दलितों, वंचितों और गरीबों की आवाज बताया। साथ ही कहा कि 'HAM' पार्टी ने NDA के साथ रहते हुए सामाजिक न्याय की बात की है और आगे भी करती रहेगी।
आखिर में नंदलाल ने विरोधियों को नसीहत दी कि "मांझी पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।"
इस सब शुरुआत भी जीतनराम मांझी के एक बयान से हुई थी। उन्होंने चिराग पासवान को लेकर कहा था कि उनमें अनुभव की कमी है, जिसपर चुराग के बहनोई भारती ने पूर्व CM मांझी पर पलटवार किया था।
यह तकरार दिखा रही है कि बिहार में NDA भले एक गठबंधन के रूप में मौजूद हो, लेकिन अंदरूनी मतभेद गहराते जा रहे हैं, जो चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं।