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Bihar News: RJD विधायक रीतलाल यादव को पटना हाइकोर्ट से बड़ा झटका! बरी करने का आदेश रद्द, दोबारा होगी सुनवाई

RJD MLA Reetlal Yadav: चर्चित सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में निचली अदालत द्वारा दिए गए बरी किए जाने के आदेश को खारिज करते हुए मामले की दोबारा सुनवाई करने का निर्देश दिया है। यह मामला साल 2003 में हुए दानापुर के पूर्व विधायक आशा देवी के पति सत्यनारायण सिन्हा की हत्या से जुड़ा है

अपडेटेड Sep 25, 2025 पर 5:47 PM
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Bihar Elections 2025: RJD विधायक रीतलाल यादव को बिहार चुनाव से पहले झटका लगा है

Bihar Elections 2025 News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक रीतलाल यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पटना हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में उन्हें निचली अदालत से मिली राहत को रद्द कर दिया है। अदालत ने चर्चित सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में निचली अदालत द्वारा दिए गए बरी किए जाने के आदेश को खारिज करते हुए मामले की दोबारा सुनवाई करने का निर्देश दिया है। यह मामला साल 2003 में हुए दानापुर के पूर्व विधायक आशा देवी के पति सत्यनारायण सिन्हा की हत्या से जुड़ा है।

इस केस की सुनवाई 2023 में स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट में हुई थी। उस समय कोर्ट ने सबूतों के अभाव में रीतलाल यादव समेत अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। यह केस पटना हाईकोर्ट के आदेश पर स्पीडी ट्रायल के तहत चलाया गया था। सत्यनारायण सिन्हा की पत्नी और दानापुर की पूर्व BJP विधायक आशा सिन्हा ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में अपील की थी।

फरवरी 2025 में इस मामले में हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने निचली अदालत का आदेश रद्द कर दिया और नए सिरे से सुनवाई करने को कहा है। दरअसल, 30 अप्रैल 2003 को RJD ने पटना के गांधी मैदान में 'तेल पिलावन, लाठी घुमावन' रैली आयोजित की थी। इसी दिन खगौल थाना क्षेत्र के जमालुद्दीन चक में सत्यनारायण सिन्हा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।


इस हत्या के बाद दर्ज FIR में रीतलाल यादव का नाम सामने आया और उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया। पटना हाईकोर्ट के ताजा फैसले ने रीतलाल यादव के सामने फिर से बड़ी कानूनी चुनौती खड़ी कर दी है। चुनाव से पहले यह मामला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। विपक्षी दल पहले ही RJD पर आपराधिक छवि वाले नेताओं को बढ़ावा देने का आरोप लगाते रहे हैं। ऐसे में यह फैसला चुनावी राजनीति पर असर डाल सकता है

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पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस केस की दोबारा सुनवाई करनी होगीयानी एक बार फिर से सभी गवाहों और सबूतों की जांच होगी। यदि आरोप साबित होते हैं तो रीतलाल यादव के राजनीतिक करियर और विधानसभा चुनावों में उनकी भूमिका पर सीधा असर पड़ सकता है।बिहार की राजनीति में रीतलाल यादव का नाम हमेशा विवादों में रहा है। लेकिन उन्होंने अपनी सियासी पकड़ बरकरार रखी है। हाईकोर्ट का यह फैसला न सिर्फ उनके लिए, बल्कि RJD के चुनावी समीकरण के लिए भी चुनौती बनकर सामने आया है।

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