Bihar Election Result: बिहार चुनाव में पहली बार हुआ ऐसा, महागठबंधन से ज्यादा यादव विधायक NDA के पास

Bihar Election Result 2025: बिहार चुनाव में RJD के नेतृत्व वाले 'महागठबंधन' को सिर्फ हार का ही सामना नहीं करना पड़ा है। बल्कि मुसलमानों और यादवों की भी हिस्सेदारी कम हो गई है। NDA के पास अब महागठबंधन से ज्यादा यादव विधायक हैं। बिहार में ये दोनों समुदाय सबसे बड़े वोटर्स में से एक है

अपडेटेड Nov 17, 2025 पर 2:50 PM
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Bihar Election Result: बिहार में 17.7% मुस्लिम और 14.3% यादव दो सबसे बड़े मतदाता हैं

Bihar Election Result: बिहार में सत्तारूढ़ NDA ने महागठबंधन को करारी शिकस्त देकर सत्ता बरकरार रखी है। इस जीत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपील को पुष्ट किया। वहीं, कांग्रेस और सहयोगी RJD को जनता ने करारा झटका दिया। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की शानदार जीत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके दो मुख्य घटक दलों बीजेपी और जेडीयू ने 101-101 सीट पर लगभग 85 प्रतिशत का स्ट्राइक रेट हासिल किया।

BJP ने 2020 की 74 से बढ़कर इस बार 89 सीट जीतीं। जबकि नीतीश कुमार के JDU ने 43 से बढ़कर 85 सीट पर सफलता प्राप्त की। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की सीट संख्या 75 से घटकर 25 हो गई। कांग्रेस ने 61 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से उसे केवल छह सीट पर जीत मिली। यह उसे पिछली बार मिली 19 सीट से काफी कम हैं।

बिहार चुनाव में RJD के नेतृत्व वाले 'महागठबंधन' को सिर्फ हार का ही सामना नहीं करना पड़ा है। बल्कि मुसलमानों और यादवों की भी हिस्सेदारी कम हो गई है। NDA के पास अब महागठबंधन से ज्यादा यादव विधायक हैं। M-Y ब्लॉक में गिरावट के साथ-साथ अन्य मतदाता ब्लॉकों जैसे गैर-यादव ओबीसी से लेकर अति पिछड़ा वर्ग और उच्च जातियों के विधायकों की संख्या में भी वृद्धि देखी गई है।


अब NDA के पास 15 यादव विधायक हैं। जबकि महागठबंधन के पास 12 रह गए हैं। इसके अलावा 2020 की विधानसभा में जहां 19 मुस्लिम विधायक थे। वहीं, इस बार केवल 11 ही चुनकर आए हैं। वहीं, यादव विधायकों की करें तो 2020 में इनकी संख्‍या 55 थी जो इस बार के चुनाव में केवल 28 रह गई है।

बिहार में 17.7% मुस्लिम और 14.3% यादव दो सबसे बड़े मतदाता समूह हैं। सबसे अधिक आबादी वाली जाति के विधायकों की संख्या मंडल के बाद के युग में सबसे कम है, जिसने समुदाय को लालू प्रसाद के उदय को बढ़ावा दिया। इसमें आरजेडी ने 1990 से 2005 तक बिहार पर शासन किया।

कुल 243 विधायकों में से लगभग 83 पिछड़ा और 37 अति पिछड़ा वर्ग के हैं। सवर्ण समाज के 72 विधायक हैं। जबकि अनुसूचित जाति (दलित/आदिवासी) के लिए आरक्षित सीटों पर 40 विधायक चुने गए। अल्पसंख्यक (मुसलमान) विधायकों की संख्या केवल 11 रह गई, जिसमें से 5 AIMIM के हैं।

PM ने M-Y फॉर्मूले पर कसा तंज

NDA की प्रचंड जीत की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसने एक नया एमवाई मतलब महिला और युवा फॉर्मूला दिया है, जिससे जनता ने जंगलराज के लोगों के सांप्रदायिक एमवाई फॉर्मूले को ध्वस्त कर दिया है।

RJD के मुस्लिम-यादव समर्थन आधार का स्पष्ट रूप से उल्लेख करते हुए PM मोदी ने कहा कि बिहार में कुछ दलों ने एमवाई फॉर्मूला तैयार किया था। लेकिन आज की जीत ने एक नया सकारात्मक एमवाई महिला और युवा फॉर्मूला दिया है।

सत्ता विरोधी लहर पर काबू पाते हुए मुख्यमंत्री कुमार ने NDA को प्रचंड जीत दिलाने के लिए राज्य की जनता का आभार व्यक्त किया। कुमार ने X पर पोस्ट किया, "राज्य की जनता ने चुनाव में हमें प्रचंड बहुमत देकर हमारी सरकार में अपना विश्वास व्यक्त किया है। इसके लिए मैं राज्य के सभी सम्मानित मतदाताओं को नमन करता हूं और हृदय से आभार और धन्यवाद व्यक्त करता हूं।"

उन्होंने राज्य में NDA सरकार को निरंतर समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का भी आभार व्यक्त किया। बिहार चुनाव में 'एक्स फैक्टर' कही जा रही प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) बुरी तरह हार गई। जेएसपी के उम्मीदवार तीन सीट को छोड़कर बाकी सभी पर मैदान में थे।

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पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार द्वारा गठित यह पार्टी, बेरोजगारी, पलायन और उद्योगों की कमी जैसे ज्वलंत मुद्दों को ज़ोरदार तरीके से उठाने और जोरदार प्रचार के बावजूद, अपने पक्ष में वोट जुटाने में नाकाम रही।

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