Bihar Election: JDU ने रख दी 50-50 की मांग, चिराग भी कर रहे ज्यादा की डिमांड, NDA में सीट बंटवारे पर घमासान!
Bihar Chunav 2025: ये सब तब हो रहा है, जब BJP अपनी मौजूदगी बढ़ाने और उस राज्य में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए आगे बढ़ रही है, जहां वो ऐतिहासिक रूप से नीतीश के बाद दूसरे नंबर पर रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा 243 सदस्यों वाली विधानसभा में 120 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रही है
Bihar Election: JDU ने रख दी 50-50 की मांग, चिराग भी कर रहे ज्यादा की डिमांड, NDA में सीट बंटवारे पर घमासान
भारतीय जनता पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी और बाकी छोटे दलों वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर सीट बंटवारे पर बातचीत टेढ़ी खीर साबित होने वाली है। ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी JDU इस बात पर अड़ी है कि सीट बंटवारे पर बातचीत में 50:50 का फॉर्मूला लागू किया जाएगा। दूसरी ओर, चिराग पासवान की LJP (RV) राज्य में बड़े स्तर पर अपनी पकड़ बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
यह तब है, जब BJP अपनी मौजूदगी बढ़ाने और उस राज्य में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए आगे बढ़ रही है, जहां वो ऐतिहासिक रूप से नीतीश के बाद दूसरे नंबर पर रही है।
BJP 120 सीटों पर लड़ना चाहती है
बताया जा रहा है कि भाजपा 243 सदस्यों वाली विधानसभा में 120 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रही है। 2020 के चुनावों में, बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़कर 74 सीटें जीती थीं। दूसरी ओर, JDU 115 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर केवल 43 सीटें ही जीत पाई थी।
2020 में NDA से बाहर चुनाव लड़ने वाली चिराग पासवान की LJP ने 134 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 1 सीट ही जीत पाई। पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले NDA में फिर से शामिल हो गई।
लोकसभा चुनावों में भी BJP और JDU ने 12-12 सीटें जीतीं, जबकि LJP (RV) को 5 सीटें और HAMS(S) को 1 सीट मिली। NDA ने राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीतीं।
लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन से उत्साहित और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घटती लोकप्रियता को भांपते हुए BJP गठबंधन पर अपना कंट्रोल जमाने की उम्मीद कर रही है।
यही वजह है कि बीजेपी की 120 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग, राज्य में JDU के असर को कम करने की उसकी मंशा को दिखाती है, जहां हमेशा से नीतीश और उनकी पार्टी का ही दबदबा रहा है।
JDU का 50-50 फॉर्मूला
हालांकि, BJP की महत्वाकांक्षाओं को भांपते हुए, JDU 50:50 के फॉर्मूले पर जोर दे रही है।
JDU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने News18 को बताया, "NDA, जिसमें बिहार के सभी घटक दल शामिल हैं, नीतीश कुमार के नेतृत्व में सभी 243 सीटों पर एक साथ चुनाव लड़ने के लिए कमर कस रहा है। हालांकि औपचारिक सीट बंटवारे की बातचीत अभी शुरू होनी है, लेकिन हमारे खेमे में स्पष्टता और एकता है। इसके उलट, महागठबंधन आंतरिक कलह और विधानसभा क्षेत्र स्तर की अराजकता से ग्रस्त है।"
हालांकि, उन्होंने माना कि JDU बराबर सीटों के लिए दबाव बना रही है और उन्होंने लोकसभा चुनावों में हुए नुकसान का हवाला दिया, जहां बीजेपी अपने दम पर बहुमत हासिल करने में फेल रही।
प्रसाद ने कहा, "JDU आधी-आधी सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले में विश्वास करती है। NDA के सभी घटक दल एक साथ हैं और सीट बंटवारे को लेकर कोई दरार नहीं है।"
बिहार में BJP का दावा इस आकलन पर आधारित है कि मुस्लिम, अति पिछड़ी जातियों और महादलितों के बीच JDU का वोट बैंक, उसकी संगठनात्मक ताकत के साथ-साथ कम हो रहा है।
हत्याओं और अपराध की बढ़ती घटनाओं ने नीतीश की विकास समर्थक 'सुशासन बाबू' की छवि पर खतरा पैदा कर दिया है, जिसे RJD के 'जंगल राज' की तरह पेश किया जा रहा है, जिस पर उन्होंने बार-बार अपना चुनावी नैरेटिव सेट किया है।
इससे JDU की परेशानी और बढ़ गई है, क्योंकि हाई-प्रोफाइल हत्याओं की बढ़ती घटनाएं नीतीश के शासन मॉडल पर सवाल उठा रही हैं।
चिराग पासवान की LJP (RV) के आने से NDA में जटिलता की एक और परत जुड़ गई है। 2020 के चुनावों में नीतीश को करारा झटका देने के बाद, और अब राज्य में अपने पैर पसारने के लिए बेताब, दलितों के बीच पार्टी की मजबूत स्थिति नीतीश के घटते जनाधार के लिए और खतरा बन गई है।
इसलिए, JDU चाहता है कि LJP (RLD) 20-25 सीटों से ज्यादा पर चुनाव न लड़े।
बिहार में इस साल सितंबर-अक्टूबर में चुनाव होने की उम्मीद है। हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है।