बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बाकी हैं और उससे पहले नीतीश कुमार ने एक बहुत ही बड़ा वादा कर दिया है। नीतीश के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने मंगलवार को 30 बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें अगले पांच सालों में एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने की योजना भी शामिल है। इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले घोषित इस निर्णय को सत्तारूढ़ NDA का एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, क्योंकि विपक्ष लागातार बिहार में बढ़ती बेरोजगारी और रोजगार पैदा करने में NDA सरकार की नाकामी पर जोरदार हमले कर रहा है।
इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री ने X पर एक पोस्ट में इसी तरह की घोषणा की थी, जहां उन्होंने यह भी दावा किया था कि बिहार में 2005 से 2020 के बीच आठ लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई थी।
नीतीश कुमार ने पोस्ट में कहा, "अगले पांच सालों (2025 से 2030) के लिए, हम एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरियां और रोजगार के अवसर प्रदान करके इस लक्ष्य को दोगुना करने का लक्ष्य रख रहे हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, प्राइवेट सेक्टर, खासकर औद्योगिक क्षेत्रों में, नए रोजगार और नौकरियों के अवसर भी सृजित किए जाएंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "इसके लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई जा रही है। वर्तमान में, सात निश्चय कार्यक्रम के तहत राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के मौकों से जोड़ने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अगले पांच सालों में, सात निश्चय के अंतर्गत युवा कौशल विकास के लिए चल रहे कार्यक्रम का विस्तार किया जाएगा।"
कुमार ने घोषणा की कि बिहार में कौशल विकास के लिए एक खास नई यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी और इसका नाम राज्य के प्रतिष्ठित नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर के सम्मान में जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय रखा जाएगा। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को ऐसे कौशल से लैस करना है जो रोजगार के नए रास्ते खोल सकें।
उन्होंने राज्य में युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर अपनी सरकार के लॉन्ग टर्म फोकस को भी दोहराया।