Tejashwi Yadav: तेजस्वी यादव ही होंगे नेता प्रतिपक्ष, RJD की समीक्षा बैठक में लालू यादव का बड़ा फैसला

Tejashwi Yadav : बता दें कि विधानसभा में विपक्ष के नेता की मान्यता पाने के लिए किसी पार्टी के पास कुल सीटों का कम से कम 10% होना जरूरी है। बिहार विधानसभा की 243 सीटों में यह संख्या 25 बनती है, और हाल ही में हुए चुनाव में राजद ने ठीक 25 सीटें जीती थीं

अपडेटेड Nov 17, 2025 पर 5:27 PM
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राजद नेता तेजस्वी यादव को सोमवार को बिहार विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया।

राजद नेता तेजस्वी यादव को सोमवार को बिहार विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया। सोमवार को पटना में तेजस्वी यादव के आवास पर आरजेडी की समीक्षा बैठक बुलाई गयी थी। राजद (RJD) की समीक्षा बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। जानकारी के मुताबिक बैठक में पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने यह साफ कर दिया है कि तेजस्वी यादव आगे भी नेता प्रतिपक्ष बने रहेंगे।

बता दें कि विधानसभा में विपक्ष के नेता की मान्यता पाने के लिए किसी पार्टी के पास कुल सीटों का कम से कम 10% होना जरूरी है। बिहार विधानसभा की 243 सीटों में यह संख्या 25 बनती है, और हाल ही में हुए चुनाव में राजद ने ठीक 25 सीटें जीती थीं। शुरुआती मतगणना में तेजस्वी काफी पीछे चल रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने बढ़त लेकर भाजपा के सतीश कुमार को 14,532 वोटों से हरा दिया और राघोपुर की पारिवारिक सीट अपने पास बनाए रखी।

कांग्रेस ने लगाए बड़े आरोप


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारत निर्वाचन आयोग और भाजपा ने मिलकर बिहार चुनाव के नतीजों में छेड़छाड़ की, ताकि तेजस्वी यादव की जीत सुनिश्चित हो सके। उनका कहना है कि तेजस्वी पूरे दिन पीछे चल रहे थे, लेकिन आखिरी दौर की गिनती में अचानक आगे हो गए।

उदित राज ने एएनआई से कहा, “तेजस्वी यादव ने चुनाव नहीं जीता, बल्कि उनकी जीत करवाई गई। भाजपा और चुनाव आयोग ने यह दिखाने के लिए ऐसा किया कि चुनाव निष्पक्ष हैं। ईवीएम का इस्तेमाल मनचाहा परिणाम पाने के लिए हो रहा है और इससे संविधान को नुकसान पहुँच रहा है। चुनाव पहले से तय थे, और उन्हें पता था कि क्या होने वाला है।”

जाने किसने जीती हैं कितनी सीटें 

ताजा नतीजों में महागठबंधन को भारी नुकसान हुआ। राजद की सीटें 75 से घटकर 25 रह गईं। उसके सहयोगी कांग्रेस ने 61 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन सिर्फ 6 सीटें ही जीत पाई, जबकि पिछली बार उसे 19 सीटें मिली थीं। वामदलों के खाते में इस बार सिर्फ 3 सीटें, जबकि वीआईपी का खाता तक नहीं खुला। इस चुनाव में एनडीए को 202 सीटें मिलीं तो वहीं अन्य के खाते में 9 सीटें आईं। जिनमें से 5 सीटें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने जीतीं। 101 सीटों पर लड़ी बीजेपी ने 89 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि इतनी ही सीटों पर चुनाव लड़कर जेडीयू ने 85 सीटें झटक लीं। एनडीए में शामिल लोजपा-आर को 19 सीटें मिलीं. जीतन राम मांझी की हम ने 5 और उपेंद्र कुशवाहा की रालोमो ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की।

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