Arvind Kejriwal News: केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग को 6, फ्लैगस्टाफ रोड बंगले के विस्तार के लिए संपत्तियों के कथित विलय और इसके अंदरूनी हिस्से पर हुए खर्च की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कथित भ्रष्टाचार के कारण इस बंगले को 'शीशमहल' करार दिया है। इसमें अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में 2015 से पिछले साल अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रहे थे। इस मामले पर आम आदमी पार्टी (AAP) या इसके संयोजक केजरीवाल ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
भारतीय जनता पार्टी के नेता विजेंद्र गुप्ता ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग ने उनकी दो पूर्व शिकायतों का संज्ञान लिया और लोक निर्माण विभाग से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी। फिर इसके आधार पर अब विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया गया है। रोहिणी से नवनिर्वाचित बीजेपी विधायक ने सीवीसी को दी गई अपनी पहली शिकायत में आरोप लगाया कि केजरीवाल ने 40,000 वर्ग गज (8 एकड़) जमीन पर एक भव्य महल का निर्माण करने के लिए भवन नियमों का उल्लंघन किया।
गुप्ता ने पीटीआई से बातचीत में आरोप लगाया कि राजपुर रोड पर भूखंड संख्या 45 और 47 (पहले टाइप-वी फ्लैट में वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायाधीशों के आवास थे) तथा दो बंगलों (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) सहित सरकारी संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया और नए आवास में मिला दिया गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान मानदंडों का उल्लंघन किया गया और उचित अनुमोदन नहीं लिया गया।
बीजेपी विधायक ने अपनी दूसरी शिकायत में 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले की मरम्मत और आंतरिक साज-सज्जा पर जरूरत से अधिक खर्च किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने बंगले में आलीशान सुविधाओं पर करदाताओं के करोड़ों रुपये खर्च किए जाने और बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगाया।
'शीशमहल' को उसकी मूल स्थिति में बहाल करने का आग्रह
भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली के नवनिर्वाचित विधायक विजेंदर गुप्ता ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से चार संपत्तियों का शीशमहल (6, फ्लैगस्टाफ रोड) के साथ विलय रद्द करने का अनुरोध किया। बीजेपी ने शीशमहल का इस्तेमाल हालिया विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार के मुद्दों पर घेरने के लिए एक राजनीतिक हथियार के रूप में किया। गुप्ता ने कहा कि बंगले का विस्तार चार सरकारी संपत्तियों को मिलाकर किया गया है। उन्होंने उन संपत्तियों के विलय को रद्द करने के लिए उपराज्यपाल सक्सेना को एक पत्र लिखा है।