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CAG रिपोर्ट ने खोली AAP सरकार के हेल्थ मॉडल की पोल! मोहल्ला क्लीनिक में न टॉयलेट, न ICU बेड...फंड का हुआ दुरुपयोग

CAG report highlights: सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 21 मोहल्ला क्लीनिकों में टॉयलेट नहीं थे। जबकि 15 में बिजली बैकअप नहीं था। छह में जांच के लिए कोई टेबल नहीं थी। इसके अलावा 12 में शारीरिक रूप से विकलांगों के लिए कोई सुविधा नहीं थी। आयुष डिस्पेंसरी में 49 में से 17 डिस्पेंसरी में पावर बैकअप नहीं था। सात में टॉयलट नहीं थे और 14 में पीने के पानी की सुविधा नहीं थी

अपडेटेड Feb 25, 2025 पर 8:54 PM
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CAG report highlights: सीएजी रिपोर्ट में 8,194 स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों की कमी का हवाला दिया गया है। (File Photo: The Hindu)

CAG report highlights: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार के हेल्थ मॉडल की पोल खोलकर रख दी है। रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिकों के संचालन को लेकर चिंता जताई गई है, जो आम आदमी पार्टी (AAP) की सबसे लोकप्रिय हेल्थ स्कीम थी। मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में पेश किए गए ऑडिट में इन क्लीनिकों में कर्मचारियों और टॉयलेट जैसी आवश्यक सुविधाओं की कमी पाई गई है।

CNN-News18 के मुताबिक, सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 21 मोहल्ला क्लीनिकों में टॉयलेट नहीं थे। जबकि 15 में बिजली बैकअप नहीं था। छह में जांच के लिए कोई टेबल नहीं थी। इसके अलावा 12 में शारीरिक रूप से विकलांगों के लिए कोई सुविधा नहीं थी। आयुष डिस्पेंसरी में 49 में से 17 डिस्पेंसरी में पावर बैकअप नहीं था। सात में टॉयलट नहीं थे और 14 में पीने के पानी की सुविधा नहीं थी।

CAG रिपोर्ट में दिल्ली भर में अस्पतालों के बेड में न्यूनतम वृद्धि को भी जिक्र किया गया है। 2016-17 से 2020-21 तक केवल 1,357 बेड जोड़े गए। अस्पतालों को एक बेड पर एक से ज्यादा मरीजों को रखने के लिए मजबूर होना पड़ा या भीड़भाड़ के कारण उन्हें फर्श पर लिटाना पड़ा।


स्टाफ की कमी

एक और गंभीर मुद्दा स्टाफ की कमी है। रिपोर्ट में 8,194 स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों की कमी का हवाला दिया गया है। इसमें नर्सों की 21 प्रतिशत कमी और पैरामेडिक्स की 38 फीसदी कमी शामिल है। इसके अलावा, सर्जरी के लिए लंबे समय तक इंतजार करने की बात कही गई है। लोक नायक अस्पताल में सामान्य सर्जरी के लिए 2-3 महीने और बर्न/प्लास्टिक सर्जरी के लिए 6-8 महीने तक मरीजों को इंतजार करना पड़ा।

आवश्यक सेवाओं की भारी कमी

CAG ने अस्पतालों में आवश्यक सेवाओं की भारी कमी का उजागर किया है। इसमें 27 अस्पतालों में से 14 में ICU सुविधाएं नहीं हैं। 6 में ब्लड बैंक नहीं हैं। 8 में ऑक्सीजन की आपूर्ति उपलब्ध नहीं है। 15 में शवगृह सेवाएं नहीं हैं। 12 अस्पतालों में एंबुलेंस सेवाएं नहीं हैं। ऑडिट में यह भी पाया गया कि कई CATS एंबुलेंस में महत्वपूर्ण जीवन रक्षक उपकरण नहीं हैं। खरीद प्रक्रिया में विफलताओं के कारण अस्पतालों को 33-47 फीसदी आवश्यक दवाएं सीधे खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा।

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (RGSSH) में 6 ऑपरेशन थियेटर, ICU बेड और एक डॉक्टरों का हॉस्टल बेकार पड़ा था। जांच में पाया गया कि जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (JSSH) में 7 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर, CCU बेड और एक ब्लड बैंक काम नहीं कर रहे थे।

प्रोजेक्ट में देरी

रिपोर्ट में नए अस्पताल परियोजनाओं के पूरा होने में देरी का भी जिक्र किया गया है। मुख्यमंत्री के रूप में शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए अस्पतालों में से केवल तीन ही पूरे हो पाए हैं। 31 मार्च, 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष को कवर करने वाली सीएजी रिपोर्ट 24 सितंबर, 2024 को दिल्ली सरकार को सौंपी गई थी। लेकिन आप सरकार ने इसे विधानसभा में पेश नहीं किया।

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यह ऑडिट दिल्ली विधानसभा में सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार द्वारा पेश की गई 14 CAG रिपोर्टों का हिस्सा है। दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को पेश की गई कैग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार को 2021-2022 की आबकारी नीति के कारण 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हुआ है।

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