हमारी इंडस्ट्री में ऐसे एक्टर बेहद कम हैं, जो फिल्मों और मंचों पर कमाल का अभिनय देते हैं। इस लिस्ट में आशुतोष राणा का नाम शामिल है। हाल में ही आशुतोष ने शेयर किया कि आखिर दिल्ली के मंच उनके दिल के सबसे करीब क्यों है?
एक बेहतरीन फिल्म वो होती है, जिसका किरदार सालों तक फैंस के मन में बसा रहे। इतना ही नहीं, फिल्म में किरदार को ऐसे निभाया गया हो, जिसे देख यकीन कर पाना मुश्किल हो जाए कि यह असली है या नकली। कुछ ऐसा ही मंचो पर परफॉमेंस देने वालें कलाकारों के लिए भी सोचा जाता है।
आशुतोष राणा बेहद मझे हुए एक्टर हैं। उन्होंने जितना नाम फिल्मों में कमाया है, उतना ही मंचों पर अपनी अदाकारी दिखाकर भी कमाया है। दिल्ली के मंच पर उनका रावण का किरदार हर किसी के जहन में रचा बसा है।
दिल्ली की रामलीला का नाम लेते ही रावण के रूप में आशुतोष का चेहरा आंखों के सामने आ जाता है। हाल में एक्टर ने दिल्ली के मंचों को लेकर खुलकर बात की है।
एक्टर ने कहा कि दिल्ली के मंचों और वहां की जनता ने उनके हुनर को निखारने में बहुत मदद की है। दिल्ली के मंचों पर आप दिखावा नहीं कर सकते हैं।
आशुतोष बोले कि दिल्ली की जनता ने उनके अंदर काम करने की भूख को पैदा किया है। दिल्ली के मंच गुरू के समान हैं, जो आपके झूठ को तुरंत पकड़ लेता है। यहां आप दिखावा नहीं कर सकते हैं।
रावण का किरदार यहां पर तभी सफल हो पाया है, जब दिल्ली के लोगों ने हर श्लोक को महसूस किया। उनकी भावनाएं मेरे अभिनय को दशा देती हैं।
दिल्ली मेरे दिल के बहुत करीब है। जब भी किसी किरदार में फंसता हूं तो मुझे दिल्ली की याद जाती है।
यहां पर घूमना फिरना, लोगों के साथ काम करना, यहां का खाना हर चीज में यादें बसी हुई हैं।
राणा ने कहा कि दिल्ली मेरे लिए शहर नहीं बल्कि विचारों की प्रयोगशाला है। यह मुझे हर दिन एक बेहतर इंसान के रूप निखाती है।
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