गोविंदा 90 के दशक में बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक थे। उस दौर में गोविंदा अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग, शानदार डांस के लिए जाने जाते थे। 90 के दशक में गोविंदा ने बॉक्स ऑफिस पर एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दी है। हर बड़ा डायरेक्टर गोविंदा को अपनी फिल्म में लेना चाहता था। लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ 2000 के दशक में गोविंदा की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पहले की तरह कमाल नहीं कर पा रही थी। इसके बाद गोविंदा ने सलमान खान के साथ फिल्म 'पार्टनर' (2007) के साथ कमबैक किया, लेकिन ये फिल्म भी एक्टर के पुराने स्टारडम को वापस नहीं दिला पाई।
वहीं गोविंदा के साथ कई हिट फिल्में बना चुके फिल्ममेकर पहलाज निहलानी ने एक इंटरव्यू में बड़ा खुलासा किया है। फिल्ममेकर ने आरोप लगाया कि फिल्म इंडस्ट्री के कुछ लोगों ने जानबूझकर गोविंदा के करियर को नुकसान पहुंचाया। पहलाज निहलानी ने गोविंदा के साथ इल्जाम (1986), शोला और शबनम (1992) और आंखें (1993) जैसी हिट फिल्में दी थीं।
पार्टनर फिल्म के बाद हर कोई खिलाफ
पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में निहलानी ने कहा, "'पार्टनर' फिल्म के बाद सब कुछ गोविंदा के खिलाफ हो गया। उसके बाद उन्हें कोई फिल्म नहीं मिली और उनकी कई बड़ी फिल्में बीच में ही बंद हो गईं, जिनमें प्रियंका चोपड़ा वाली फिल्म भी शामिल थी। अगर कोई पीठ में छुरा घोंपता है तो उसका निशान भी नहीं रहता, पता भी नहीं चलता। गोविंदा के साथ भी ऐसा कई बार हुआ है।"
गोविंदा हमेशा समय पर आते थे
निहलानी ने आगे कहा उनकी बातें सिर्फ अटकलें नहीं, बल्कि उनके अपने एक्सपीरिएंस पर बेस्ड हैं। उन्होंने आगे कहा, "ये बिल्कुल सच है। 'रंगीला राजा' (2019) के बाद भी कई बड़े फिल्मकारों ने मुझसे पूछा कि क्या गोविंदा ने कभी मेरे साथ कोई परेशानी की है, लेकिन मैंने साफ इनकार कर दिया। वह हमेशा समय पर आते-जाते थे। यह कहना गलत है कि वह देर से आते हैं। उन्होंने मेरे लिए सुबह 6 बजे भी शूटिंग की है और कभी तय समय से देर नहीं की।"
बॉलीवुड की दोस्ती पर क्या कहा
निहलानी ने बॉलीवुड में दोस्ती पर कहा कि, "बॉलीवुड में असली दोस्ती नहीं होती। वक्त पर लोग आपके साथ होते हैं, लेकिन समय बीतने के बाद कोई साथ नहीं देता। यहां तक कि जब किसी की फिल्म फ्लॉप होती है, तो लोग उसके पीछे पार्टियां मनाते हैं।" जब निहलानी से पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी गोविंदा को अलग रास्ता दिखाने की कोशिश की, तो उन्होंने माना कि उन्होंने इसमें दखल नहीं दिया। उन्होंने कहा, “किसी को सलाह देना ठीक नहीं होता, क्योंकि इसका मतलब है कि आप खुद को उसके नीचे मान रहे हैं। सच बोलना और सच सुनना अलग बात है। मैं गोविंदा के बारे में एक अभिनेता और इंसान दोनों के तौर पर कभी कुछ गलत नहीं कहूँगा, हाँ कभी-कभी उनकी सोच में गलती जरूर होती है।”