Sunjay Kapur: अभिनेत्री करिश्मा कपूर और दिवंगत बिजनेसमैन संजय कपूर के बीच भले ही तलाक हो गया था, लेकिन उनकी मौत के बाद अब सामने आए दस्तावेजों से पता चलता है कि दोनों के बीच भले ही तलाक हो गया हो लेकिन वो एकदूसरे से काफी करीब थे। संजय कपूर की वसीयत को लेकर चल रहे ₹30,000 करोड़ के संपत्ति विवाद में दिल्ली हाई कोर्ट में दायर नए दस्तावेजों और व्हाट्सएप चैट्स से यह खुलासा हुआ है कि संजय कपूर, करिश्मा और उनके बच्चों को पुर्तगाली नागरिकता दिलाने में मदद कर रहे थे।
क्या है पुर्तगाली नागरिकता से जुड़ा मामला?
कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों के अनुसार, संजय कपूर अपनी पूर्व पत्नी करिश्मा और अपने दोनों बच्चों को विदेश की नागरिकता दिलाने की प्रक्रिया में मदद कर रहे थे। इन चैट्स में संजय ने करिश्मा को यह भी बताया था कि पुर्तगाली पासपोर्ट लेने के लिए उन्हें अपनी भारतीय नागरिकता छोड़नी पड़ेगी, क्योंकि भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है।
₹30,000 करोड़ की संपत्ति का क्या है विवाद?
दरअसल, करिश्मा के दो बच्चों ने अपने पिता की ₹30,000 करोड़ की संपत्ति में हिस्सा पाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में एक सिविल सूट दायर किया है। बुधवार को जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने संजय कपूर की विधवा प्रिया सचदेवा कपूर सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। अदालत ने प्रिया को संजय कपूर की सभी चल और अचल संपत्तियों की पूरी सूची जमा करने का भी निर्देश दिया है।
क्या है दोनों पक्षों की दलीलें
करिश्मा के बच्चों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने तर्क दिया कि संजय कपूर की वसीयत में हेरफेर किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रिया कपूर ने संपत्ति पर पूरा नियंत्रण पाने के लिए एक बिना रजिस्टर्ड की हुई वसीयत को पेश किया है। वहीं, प्रिया सचदेवा कपूर के वकील राजीव नैयर ने कहा कि यह मुकदमा चलाने योग्य नहीं है, क्योंकि वादी को पहले ही एक ट्रस्ट के तहत ₹1,900 करोड़ की संपत्ति मिल चुकी है। उन्होंने कोर्ट में यह भी कहा कि 'ये लोग 15 साल से कहीं नहीं थे और अब एक विधवा के खिलाफ केस कर रहे हैं।'
वहीं संजय की मां रानी कपूर ने भी वसीयत को लेकर आपत्ति जताई हैं और प्रिया को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने ये तक कहा है कि 'वसीयत फर्जी' है।