ऐसी कई फिल्में हैं जो बोल्ड विषयों या संवेदनशील मुद्दों की वजह से बैन हो चुकी हैं। आइये जानते हैं ऐसी 8 फिल्में जिन्हें सेंसर बोर्ड ने बैन किया था।
बैंडिट क्वीन (1994)
यह फिल्म फूलन देवी की सच्ची कहानी पर बनी है, जिनका जीवन अपराध और संघर्ष से भरा था। इस फिल्म में हिंसा और कठिन सच को दिखाने के कारण सेंसर बोर्ड ने इसे प्रतिबंधित किया था।
फायर (1996)
यह फिल्म दो महिलाओं के बीच के प्यार को दिखाती है। उस समय ये विषय बहुत विवादित था और सेंसर बोर्ड ने इसे कई जगह रोक दिया था। इस फिल्म के कई हद तक बोल्ड सीन भी दिखाए गए थे जिसकी वजह से यह चर्चा में थी।
उर्फ प्रोफेसर (2001)
यह फिल्म कॉमेडी थी लेकिन इसमें अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था और साथ ही आपत्तिजनक दृश्य भी थे। इसलिए सेंसर बोर्ड ने इसे बैन कर दिया था।
गुलाबी आईना (2004)
यह भारत की पहली फिल्म थी जो ट्रांसजेंडर और समलैंगिक जीवन पर बनी थी। इसे सेंसर बोर्ड ने ‘आपत्तिजनक’ बताते हुए रिलीज नहीं करने दिया।
पांच (2003)
अनुराग कश्यप की यह फिल्म ड्रग्स, हिंसा और अश्लीलता पर आधारित थी। सेंसर बोर्ड ने इसे रिलीज से रोक दिया था क्योंकि यह कई लोगों के लिए अस्वीकार्य थी।
ब्लैक फ्राइडे (2004)
मुंबई बम ब्लास्ट की सच्ची घटनाओं पर बनी इस फिल्म में राजनीतिक और कानूनी विवादों के कारण सेंसर बोर्ड ने रिलीज में देरी की।
अनफ्रीडम (2014)
यह फिल्म समलैंगिकता और इस्लामी कट्टरवाद पर बनी थी। सेंसर बोर्ड ने इसे अश्लीलता के कारण बैन कर दिया था।
एंग्री इंडियन गॉडडेस (2015)
महिलाओं की आज़ादी और समानता पर बनी यह फिल्म पहले कुछ सेंसर कटौती से गुजरी, लेकिन बाद में इसे ऑनलाइन रिलीज किया गया