आजकल की तेज-तर्रार जिंदगी और असंतुलित खान-पान के कारण पेट की एसिडिटी आम समस्या बन गई है। दिनभर की भाग-दौड़, जल्दी-जल्दी खाना, तला-भुना और मसालेदार भोजन, रात को देर से खाना या अनियमित भोजन सभी कारण बनते हैं। इसके चलते पेट में जलन, अपच, गैस, खट्टी डकारें और भारीपन जैसी समस्याएं हो जाती हैं। कई बार यह समस्या रात के समय और भी बढ़ जाती है, जिससे नींद में भी बाधा आती है। इसके अलावा पब्लिक प्लेस या दोस्तों-परिवार के सामने अचानक होने वाली एसिडिटी लोगों को शर्मिंदगी में डाल सकती है। लोग अक्सर दवाइयों, चूर्ण या घरेलू नुस्खों का सहारा लेते हैं, लेकिन उनका असर हमेशा तुरंत नहीं दिखता और समस्या बार-बार लौटती रहती है।
ऐसे में योगासन एक प्राकृतिक, सुरक्षित और असरदार उपाय बनकर सामने आता है। नियमित योग से पाचन तंत्र मजबूत होता है, पेट हल्का रहता है और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
बालासन या चाइल्ड पोज शरीर को आराम देता है और पेट की अंगों की मालिश करता है, जिससे फंसी गैस बाहर निकल जाती है। यह आसन तनाव कम करने, लचीलापन बढ़ाने और शरीर को शांत रखने में भी मदद करता है। लंबे समय से एसिडिटी परेशान कर रही हो, तो बालासन बहुत फायदेमंद है।
हलासन को हल मुद्रा या प्लॉव पोज भी कहते हैं। इसमें शरीर को हल के आकार में मोड़कर सिर के पीछे ले जाया जाता है। यह पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत देता है। साथ ही रक्त परिसंचरण बेहतर होता है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है और तनाव कम होता है।
वज्रासन घुटनों के बल बैठकर किया जाता है और ये पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है। भोजन के बाद इसे करने से गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या कम होती है। पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर को शांति मिलती है। रोज वज्रासन करने से भोजन आसानी से पचता है और पेट हल्का रहता है।
पवन मुक्तासन में सीधे लेटकर दोनों घुटनों को हाथों से पकड़कर छाती के पास लाया जाता है और फिर नाक को छूने की कोशिश की जाती है। यह आसन पेट की गैस और कब्ज को जल्दी दूर करता है और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
अग्निसार आसन में पेट की अग्नि नियंत्रित होती है। बैठकर गहरी सांस लेने और पेट को अंदर-बाहर करने से पाचन शक्ति मजबूत होती है। वहीं, कपालभाति प्राणायाम पाचन क्रिया सुधारता है और शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।