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World Heart Day 2025: दिल की धड़कन कीमती है! ख्याल रखना है जरूरी, विश्व हृदय दिवस पर जानें जरूरी बातें

World Heart Day 2025: क्या आप जानते हैं कि आपकी दिनचर्या आपके दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकती है? हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है, ताकि हम हृदय रोगों के छुपे संकेत पहचान सकें। ये दिन हमें चेतावनी देता है अपने दिल को नजरअंदाज न करें

अपडेटेड Sep 29, 2025 पर 10:11 AM
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World Heart Day 2025: दिल्ली-एनसीआर में उच्च रक्तचाप और फैटी लिवर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाने के लिए है कि हमारा दिल हमारी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। आजकल की तेज़-तर्रार जिंदगी, गलत खान-पान, तनाव और बैठने की आदतें हृदय के लिए बहुत खतरनाक हो सकती हैं। कई लोग सोचते हैं कि हार्ट अटैक या दिल की बीमारियाँ केवल बड़े लोगों को होती हैं, लेकिन अब युवा भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। इस दिन का मकसद है लोगों को हृदय रोगों के लक्षण पहचानना, समय पर जांच कराना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना।

छोटा सा बदलाव जैसे संतुलित भोजन, रोजाना हल्का व्यायाम, शराब-धूम्रपान से दूर रहना आपके दिल की रक्षा कर सकता है। विश्व हृदय दिवस हमें यह समझाता है कि दिल की देखभाल करना किसी भी उम्र में जरूरी है।

हृदय रोग और मौत के आंकड़े


विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर साल लगभग 1.7 करोड़ लोग हृदय रोगों के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कोरोनरी हृदय रोग सबसे आम हैं। समय पर सावधानी और नियमित जांच से इन्हें रोका जा सकता है। हृदय रोग से होने वाली कुल मौतों में लगभग 85% मामलों का संबंध सीधे हृदय संबंधी समस्याओं से होता है।

2025 की थीम: एक भी धड़कन न चूकें

इस साल की थीम है – “एक भी धड़कन न चूकें”। इसका मतलब है कि अपने दिल की सेहत पर हमेशा ध्यान दें। चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज न करें। नियमित व्यायाम करें, संतुलित भोजन खाएं, तनाव कम करें और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाएं। ये दिन हमें याद दिलाता है कि हर दिल की धड़कन कीमती है।

इतिहास और वैश्विक महत्व

विश्व हृदय दिवस की शुरुआत 1999 में हुई थी। पहला दिवस 2000 में मनाया गया। 2012 के बाद इसे स्थायी रूप से 29 सितंबर को मनाने का फैसला लिया गया। दुनिया के 90 से अधिक देश हर साल इस दिन जागरूकता अभियान और हृदय स्वास्थ्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

हृदय रोगों की बढ़ती गंभीरता

आज की जीवनशैली में फैटी लिवर, धमनी कैल्सीफिकेशन और स्लीप एपनिया जैसी समस्याएं आम हो रही हैं। महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। युवा वर्ग में लंबे समय तक बैठकर काम करना और निष्क्रिय जीवनशैली हृदय रोग के जोखिम को और बढ़ा रही है।

क्षेत्रीय आंकड़े

दिल्ली-एनसीआर में उच्च रक्तचाप और फैटी लिवर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मुंबई में बिना लक्षण वाले लोगों में कोरोनरी कैल्शियम पाया गया। चेन्नई में 29% लोग मधुमेह से प्रभावित हैं। बेंगलुरु में कम उम्र में उच्च रक्तचाप और डिस्लिपिडेमिया देखे गए। लखनऊ जैसे शहरों में भी कॉलेज छात्रों में अधिक वजन और उच्च रक्तचाप की समस्या तेजी से बढ़ रही है।

हार्ट अटैक के मुख्य लक्षण

  • सीने में बेचैनी – बीच या बाईं तरफ दबाव या भारीपन।
  • सांस लेने में कठिनाई – थकान या सांस फूलना।
  • ठंडा पसीना, मतली या उल्टी
  • चक्कर आना और अचानक थकान

सबसे ज्यादा खतरे में कौन?

  • उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापा वाले लोग।
  • मानसिक तनाव से पीड़ित लोग।
  • धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने वाले।
  • उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोग।

अगर इनमें से कोई लक्षण महसूस हो, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय रहते पहचानने से हार्ट अटैक और गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। नियमित जांच, संतुलित भोजन, व्यायाम और तनाव नियंत्रण हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं।

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