Yoga For Constipation: पुरानी से पुरानी कब्ज को फटाफट दूर करेंगे ये 3 आसान योगासन, पेट होगा हल्का और मिलेगा आराम

Yoga For Constipation: आज की तेज-तर्रार जिंदगी में कब्ज (Constipation) एक आम समस्या बन चुकी है। गलत खान-पान, पानी कम पीना, लंबे समय तक बैठना और तनाव पेट की गति को धीमा कर देते हैं। इससे पेट भारी, गैस, ऐंठन और असहजता होती है। रोजाना कुछ आसान योगासन अपनाकर कब्ज को कम किया जा सकता है

अपडेटेड Sep 19, 2025 पर 7:30 AM
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Yoga For Constipation: वज्रासन पाचन तंत्र को स्ट्रॉन्ग बनाता है और कब्ज को कम करने में मदद करता है।

आज की व्यस्त जिंदगी में हर कोई समय की दौड़ में उलझा हुआ है। ऑफिस के काम, ऑनलाइन मीटिंग्स, मोबाइल और लैपटॉप के लंबे घंटे, और समय पर खाना न खाने की आदतें धीरे-धीरे हमारे पाचन तंत्र को कमजोर कर रही हैं। अक्सर लोग जल्दी में जंक फूड या बहुत तेल-चिकनाई वाला खाना खा लेते हैं, और पानी भी कम पीते हैं। इन सबका सीधा असर पेट पर पड़ता है और कब्ज जैसी समस्या आम हो जाती है। शुरुआत में ये सिर्फ असुविधा लगती है, लेकिन धीरे-धीरे पेट भारी महसूस करना, गैस बनना, पेट दर्द और थकान जैसी परेशानियां भी होने लगती हैं।

कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो ये क्रॉनिक समस्या में बदल सकती है। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी दिनचर्या और पाचन तंत्र पर ध्यान दें और कब्ज से बचाव के लिए सही उपाय अपनाएं।

योग


कई बार दवाइयां और सप्लीमेंट्स केवल अस्थायी राहत देते हैं, जबकि योगासन पेट और आंत के कार्य को सुधारकर लंबे समय तक फायदा पहुंचाते हैं। नियमित योग से मल त्याग आसान होता है, पाचन सुधारता है और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।

वज्रासन: पाचन को एक्टिव बनाता है

वज्रासन पाचन तंत्र को स्ट्रॉन्ग बनाता है और कब्ज को कम करने में मदद करता है। ये पैरों और जांघों के रक्त प्रवाह को पेट के क्षेत्र में बढ़ाता है।

कैसे करें:

घुटनों के बल बैठें और एड़ियों पर नितंब टिकाएं।

घुटनों के बीच 4 अंगुल का अंतर रखें।

हाथ घुटनों पर रखें और पीठ सीधी रखें।

5-10 मिनट तक धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन पेट की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है, पाचन सुधारता है और तनाव भी कम करता है। ये कब्ज, गैस और पेट के दर्द से राहत देता है।

कैसे करें:

घुटनों के बल खड़े हो जाएं, जांघें सीधी रखें।

धीरे-धीरे पीछे झुकें, हाथों से एड़ियों को पकड़ें।

सिर और रीढ़ को बिना तनाव के पीछे झुकाएं।

भार पैरों और भुजाओं पर समान रखें।

पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन मल त्याग को आसान बनाता है और आंतों को हल्की मालिश देता है। इसे रोजाना करने से पाचन तंत्र मजबूत और स्वस्थ रहता है।

कैसे करें:

पीठ के बल लेट जाएं।

घुटनों को छाती की ओर खींचें और हाथों से पकड़ें।

बारी-बारी से पैरों को फैलाएं और 50-60 सेकंड तक मुद्रा बनाए रखें।

फिर सामान्य स्थिति में वापस आएं।

खान-पान और जीवनशैली

योगासन के साथ खाने-पीने की आदतें भी महत्वपूर्ण हैं। फाइबर युक्त भोजन, हरी सब्ज़ियां, ताजे फल और पर्याप्त पानी कब्ज दूर करने में मदद करते हैं। साथ ही हल्की वॉक या स्ट्रेचिंग पाचन तंत्र को एक्टिव रखती है।

नियमित अभ्यास 

कब्ज और गैस की समस्या कम होती है।

पेट और आंत स्वस्थ रहते हैं।

ऊर्जा और सहनशीलता बढ़ती है।

शरीर का स्ट्रेस और थकान कम होती है।

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Anchal Jha

Anchal Jha

First Published: Sep 19, 2025 7:30 AM

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