Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान AI171 दुर्घटना का शिकार हो गई। हादसे में 270 से अधिक लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल है जिनका फिलहाल इलाज चल रहा है। भयानक प्लेन हादसे की जद में एक आठ महीने का बच्चा भी आ गया जो प्लेन क्रैश होने के बाद भड़की आग की चपेट में आ गया। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है। जानकारी के मुताबिक, वो इस हादसे की जद में आए सभी घायलों में सबसे छोटा है।
बता दें कि 12 जून को सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद जब विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के आवासीय परिसर में गिर गया। उस दौरान मनीषा कच्छड़िया और उनका 8 महीने का बेटा ध्यांश दुर्घटना से प्रभावित इमारतों में से एक में थे।
आग कि लपटों से बुरी तरह जल गया था नन्हा ध्यांश
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ध्यांश, जो सभी घायलों में सबसे छोटा है वो आग से 28% जल गया था और अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है, जहां उसे बाल चिकित्सा गहन चिकित्सा इकाई (PICU) में भर्ती कराया गया है। ध्यांश के पिता कपिल कच्छड़िया ने बताया कि बच्चे की हालत में सुधार हो रहा है, लेकिन वह अभी भी निगरानी के लिए पीआईसीयू में है।
उन्होंने बताया कि जब दुर्घटना हुई, तो मनीषा भी घायल हो गईं। लेकिन उन्होंने अपने बेटे को उठाया और मौके से भाग गईं। उनकी हालत स्थिर है और वर्तमान में अस्पताल के सामान्य वार्ड में उनका इलाज चल रहा है।
कपिल बीजे मेडिकल कॉलेज में यूरोलॉजी में अपनी सुपर-स्पेशियलिटी एमसीएच डिग्री कोर्स कर रहे हैं। विमान दुर्घटना के समय कपिल मेडिकल कॉलेज में ही थे। दुर्घटना के बाद आग इतनी तेजी लगी थी कि उनकी पत्नी मनीषा, जो एक होम्योपैथ डॉक्टर हैं वो अपने बेटे ध्यांश के साथ एक फ्लैट के अंदर थी फिर भी उन्हें चोटें आईं।
आग का गोला बन गया था एयर इंडिया का विमान
अहमदाबाद से लंदन जाने वाला एयर इंडिया का एक विमान 12 जून को उड़ान भरने के 1 मिनट के अंदर जमींदोज होकर जल कर खाक हो गया। उस विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 242 यात्री और चालक दल सवार थे। इस दुर्घटना में बोइंग 787-8 (एआई 171) में सवार 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 और जमीन पर 29 अन्य लोग, जिनमें पांच एमबीबीएस छात्र शामिल थे मारे गए। सिर्फ एक व्यक्ति इस त्रासदी में बच गया। एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति की पहचान भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश के रूप में हुई, जो अपने भाई अजय कुमार राकेश (45) के साथ यूके लौट रहे थे, जो बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के सीट नंबर 11A पर थे।
अब तक डीएनए मैचिंग के माध्यम से 211 पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है, जबकि 189 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। अधिकारी पीड़ितों की पहचान करने के लिए डीएनए टेस्टिंग कर रहे हैं क्योंकि कई शव बुरी तरह से जल गए थे। बता दें कि विमान में 232 यात्री और 10 चालक दल के सदस्य थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश नागरिक, सात पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक सवार थे।