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अमृतसर को पवित्र नगर किया गया घोषित, प्रशासन के सामने खड़ी हुईं ये बड़ी चुनौतियां

Amritsar: पंजाब सरकार द्वारा अमृतसर को पवित्र नगर घोषित किए जाने के बाद, जिला प्रशासन के सामने इसे जमीन पर लागू करना एक बड़ी चुनौती बन सकता है। इस फैसले को लागू करते समय स्थानीय लोगों, श्रद्धालुओं और व्यापारियों को परेशानी न हो, यह सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा।

Translated By: Ashwani Kumar Srivastavaअपडेटेड Dec 17, 2025 पर 10:41 AM
अमृतसर को पवित्र नगर किया गया घोषित, प्रशासन के सामने खड़ी हुईं ये बड़ी चुनौतियां
अमृतसर को पवित्र नगर किया गया घोषित, प्रशासन के सामने खड़ी हुईं ये बड़ी चुनौतियां

Amritsar: पंजाब सरकार द्वारा अमृतसर को पवित्र नगर घोषित किए जाने के बाद, जिला प्रशासन के सामने इसे जमीन पर लागू करना एक बड़ी चुनौती बन सकता है। इस फैसले को लागू करते समय स्थानीय लोगों, श्रद्धालुओं और व्यापारियों को परेशानी न हो, यह सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा। वहीं, नगर को वास्तव में पवित्र बनाने के लिए कई लंबे समय से चले आ रहे नागरिक और कानून व्यवस्था संबंधी मुद्दों को सुलझाना आवश्यक होगा।

नगर को पवित्र बनाने के लिए सबसे पहले मलबे को साफ करना होगा, जो कि एक बहुत बड़ी समस्या है। क्योंकि घनी आबादी वाले शहर में निर्माण और नवीनीकरण कार्यों से न केवल मलबा जमा होता है, बल्कि संकरी गलियों में फैला नागरिक अपशिष्ट आवागमन में बाधा डालता है और आसपास दुर्गंध फैलाता है। आवारा कुत्तों का आतंक भी एक गंभीर समस्या है, जो धार्मिक स्थलों और बाजारों के आसपास घूमते रहते हैं, जिससे श्रद्धालुओं में भय पैदा होता है और स्वच्छता एवं सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ जाती हैं।

वरिष्ठ स्वास्थ्य पेशेवर और नागरिक सुधारक डॉ. माणिक महाजन कहते हैं कि एक सच्चा पवित्र शहर स्वच्छता, अनुशासन, करुणा और मानवीय गरिमा के प्रति सम्मान को दर्शाता है। माणिक ने कहा, "इसके आवश्यक तत्वों में स्वच्छता, शांतिपूर्ण वातावरण, नैतिक आचरण, सुरक्षा, सुव्यवस्थित यातायात, पशुओं और विरासत की देखभाल और सामूहिक नागरिक जिम्मेदारी शामिल हैं, जो एक ऐसा वातावरण तैयार करेंगे जो आध्यात्मिक विकास और सामाजिक सद्भाव दोनों को पोषित करेगा और हमें उम्मीद है कि शहर का दौरा करने पर हमें यही देखने को मिलेगा।"

संकरी सड़कों, वाहनों की भारी आवाजाही, अनियंत्रित ई-रिक्शा और डिलीवरी वाहनों के कारण यातायात जाम एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिससे अक्सर जाम लग जाता है और असुविधा होती है, खासकर तीर्थयात्रा के व्यस्त समय में। केवल मांस और शराब की दुकानों को शहर की चारदीवारी से बाहर स्थानांतरित करने से ही शहर 'पवित्र' नहीं हो जाएगा, बल्कि कुछ होटलों और गेस्ट हाउसों में अक्सर होने वाली अनैतिक और अवैध गतिविधियां भी पवित्र शहर की पवित्रता को खतरे में डालती हैं और इन पर कड़ी निगरानी, ​​नियमित निरीक्षण और कानून का सख्ती से पालन करना आवश्यक है।

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