बिहार में मौसम एक बार फिर करवट लेने लगा है। जहां कुछ दिन पहले तक लोगों को सुबह-शाम हल्की ठंड का अहसास हो रहा था, वहीं अब आसमान में घने बादल छा जाने से ठंडक और बढ़ गई है। कई जिलों में ठंडी हवाओं के साथ बादल दिनभर डेरा जमाए हुए हैं, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। मौसम में इस अचानक बदलाव से लोगों को ठिठुरन का एहसास होने लगा है। वहीं, मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले तीन दिनों तक राज्य के कई हिस्सों में आंधी, बारिश और वज्रपात की स्थिति बन सकती है।
ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ये बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से उठे सिस्टम के असर से देखने को मिल रहा है, जिससे बिहार के कई इलाकों में एक बार फिर बारिश के आसार हैं।
बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान का असर
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान मोंथा (Cyclone Montha) का असर अब बिहार में भी दिखाई देने लगा है। इसके कारण दक्षिण बिहार, उत्तर बिहार और सीमांचल के कई जिलों में 29 अक्टूबर से 1 नवंबर तक भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
30 अक्टूबर को कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट
गुरुवार, यानी आज 30 अक्टूबर को मौसम विभाग ने बिहार के कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा और सुपौल शामिल हैं, जहां अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा अन्य सभी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, मधेपुरा और सहरसा जिलों में भी तेज बारिश और बिजली गिरने की आशंका है।
31 अक्टूबर को भी बरसेंगे बादल
शुक्रवार, 31 अक्टूबर को भी बिहार के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, राज्य के अन्य जिलों में येलो अलर्ट लागू रहेगा।
इस दिन पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया और कटिहार जिलों में भी भारी बारिश और आंधी-तूफान की स्थिति बन सकती है।
अगले तीन दिन सावधानी बरतने की जरूरत
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि अगले तीन दिनों तक घर से बाहर निकलते समय मौसम की स्थिति पर नजर रखें। तेज हवाओं, बिजली गिरने और भारी बारिश के दौरान खुले स्थानों पर जाने से बचें। किसानों को भी फसल कटाई और भंडारण के काम कुछ दिनों के लिए टालने की सलाह दी गई है।