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3200 करोड़ रुपये के दो रेल इंफ्रा प्रोजेक्टस को मिली कैबिनेट की हरी झंडी, लोन पर ब्याज छूट स्कीम को भी मिला विस्तार

आज हुई कैबिनेट की अहम बैठक में पंजाब और हरियाणा में हाइब्रिड एन्युटी मोड पर 1,878.31 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 19.2 किलोमीटर लंबाई वाले छह लेन वाले एक्सेस कंट्रोल्ड जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 28, 2025 पर 6:20 PM
3200 करोड़ रुपये के दो रेल इंफ्रा प्रोजेक्टस को मिली कैबिनेट की हरी झंडी, लोन पर ब्याज छूट स्कीम को भी मिला विस्तार
संशोधित इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम केंद्र सरकार की योजना है जिसका उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को सस्ती ब्याज दर पर शॉर्ट टर्म लोन उपलब्ध कराना है

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भीड़भाड़ को कम करने के लिए दो रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी। आज हुई कैबिनेट की अहम बैठक में पंजाब और हरियाणा में हाइब्रिड एन्युटी मोड पर 1,878.31 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 19.2 किलोमीटर लंबाई वाले छह लेन वाले एक्सेस कंट्रोल्ड जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है।

अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 104 किलोमीटर लंबे तिरुपति-पाकला-काटपाडी सिंगल रेलवे लाइन के दोहरीकरण को भी मंजूरी दे दी है, जिसकी कुल लागत 1,332 करोड़ रुपये है।

इसके अलावा नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 69 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को भी मंजूरी दे दी है। इससे 2025-26 खरीफ सीजन के लिए धान की MSP बढ़कर 2,369 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। धान के साथ ही करीब 13 फसलों की MSP में बढ़ोतरी की गई है जिसमें मक्के और रागी की फसल भी शामिल हैं। खरीफ की फसल के MSP के लिए `2.07 करोड़ के आवंटन को कैबिनेट ने मंजूरी दी है।

कैबिनेट ने मौजूदा 1.5 प्रतिशत इंटरेस्ट सबवेंशन (IS) के साथ वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम(MISS) को जारी रखने को भी मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने यह निर्णय लिया है। इस फैसले के चलते किसानों को मिलने वाली इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम (लोन पर ब्याज छूट स्कीम) जारी रहेगी। इस स्कीम के तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सस्ती दर पर शॉर्ट टर्म लोन मिलता है। इस योजना को जारी रखने से सरकारी खजाने पर 15,640 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इस स्कीम को जारी रखने की मंजूरी देने के अलावा,मंत्रिमंडल ने इसके लिए आवश्यक फंड अरेंजमेंट को भी मंजूरी दे दी है।

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