मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कोडीन युक्त कफ सिरप के मुद्दे पर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला है। प्रश्न काल के दौरान सीएम योगी ने कफ सिरप मामले में सपा के आरोपों पर कहा- प्रश्न क्या है, मुद्दे क्या उठाए जा रहे हैं। पूरा अध्ययन करके आना चाहिए। सदन में चर्चा के दौरान उन्होंने आगे कहा कि, दिल्ली और यूपी के नेताओं की तुलना करते हुए कहा कि देश में दो 'नमूने' हैं, जिनमें से एक यहां बैठते हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “दो नमूने” वाले बयान के बाद सियासी माहौल गरमा गया है।
यूपी में गर्माया सियासी महौल
इस बयान पर अखिलेश यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इससे भारतीय जनता पार्टी के अंदर चल रहे मतभेद सामने आते हैं। यह मामला उस वक्त उठा जब विधानसभा में विपक्ष ने कोडीन वाले कफ सिरप की कथित तस्करी को लेकर सरकार से सवाल किए। इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष के बीच ज़ोरदार बहस देखने को मिली।
कफ सिरप मामले ने पकड़ा तूल
विपक्षी नेताओं का कहना था कि अगर समय रहते कार्रवाई की जाती, तो सैकड़ों बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। लेकिन इस आरोप को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिरे से नकार दिया। उन्होंने साफ कहा कि उत्तर प्रदेश में कफ सिरप पीने से किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। अपने जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना किसी का नाम लिए विपक्ष पर तंज कसा। समाजवादी पार्टी के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि “दो नमूने हैं—एक दिल्ली में और दूसरा लखनऊ में। जब भी देश में कोई बड़ा मुद्दा उठता है, तो वे विदेश चले जाते हैं। लगता है आपके ‘बबुआ’ के साथ भी ऐसा ही हो रहा है—वह इंग्लैंड चले जाएंगे और आप लोग यहां शोर मचाते रहेंगे।”
सीएम योगी ने कही थी ये बात
हालांकि मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व लोकसभा सांसद अखिलेश यादव की ओर था। बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विधानसभा भाषण का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी साझा किया। अखिलेश यादव ने कुछ ही मिनटों में इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे “स्वीकारोक्ति” बताया और कहा कि इससे भारतीय जनता पार्टी के अंदर चल रही सत्ता की खींचतान साफ दिखती है। कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने X पर लिखा कि किसी ने नहीं सोचा था कि दिल्ली और लखनऊ के बीच का टकराव इस स्तर तक पहुँच जाएगा। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को अपनी मर्यादा नहीं लांघनी चाहिए और बीजेपी को अपनी अंदरूनी लड़ाई को सार्वजनिक मंच पर नहीं लाना चाहिए।
पहले भी देखने को मिली है तीखी बहस
यह पहली बार नहीं है जब योगी आदित्यनाथ ने अपने बयानों से विपक्षी नेताओं पर तीखा हमला किया हो। इससे पहले बिहार चुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी प्रसाद यादव पर तंज कसते हुए उन्हें “तीन बंदर” कहा था। एक रैली में उन्होंने कहा था कि जैसे महात्मा गांधी के तीन बंदर थे, वैसे ही आज INDIA अलायंस ने पप्पू, टप्पू और अप्पू के नाम से तीन बंदर सामने रख दिए हैं। उन्होंने आगे टिप्पणी की थी कि पप्पू सच नहीं बोल सकता, टप्पू सच देख नहीं सकता और अप्पू सच सुन नहीं सकता।
समाजवादी पार्टी ने कई बार यह आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व के बीच सत्ता को लेकर खींचतान चल रही है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि डिप्टी चीफ मिनिस्टर की भूमिका और कुछ अधिकारियों की नियुक्तियाँ इस बात की ओर इशारा करती हैं कि मुख्यमंत्री की ताकत को सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं। उनके मुताबिक, ये फैसले सरकार के अंदरूनी तनाव को दिखाते हैं।