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'तय अवधि की सजा पूरी कर चुके दोषियों को रिहा किया जाना चाहिए' आजीवन कारावास पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शीर्ष अदालत ने मंगलवार सुबह कहा कि 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव पहलवान को जेल से रिहा किया जाना चाहिए, क्योंकि उसकी 20 साल की सजा पूरी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहलवान जैसे दोषी को फिक्स टर्म के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई है, लेकिन उसे तय सजा का समय पूरा होने के बाद रिहा किया जाना चाहिए

Curated By: Shubham Sharmaअपडेटेड Aug 12, 2025 पर 12:57 PM
'तय अवधि की सजा पूरी कर चुके दोषियों को रिहा किया जाना चाहिए' आजीवन कारावास पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
आजीवन कारावास पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि फिक्स टर्म के आजीवन कारावास की सजा पाए दोषी को तय समय पूरी होने के बाद रिहा किया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में छूट आदेश की जरूरत नहीं है, जहां दोषियों को पूरा जीवन जेल में बिताने की सजा सुनाई गई हो। शीर्ष अदालत ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव पहलवान की रिहाई का आदेश देते हुए यह टिप्पणी की। न्यायालय ने कहा कि उसे जेल से रिहा किया जाना चाहिए, क्योंकि उसकी 20 साल की सजा पूरी हो चुकी है।

शीर्ष अदालत ने मंगलवार सुबह कहा कि 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव पहलवान को जेल से रिहा किया जाना चाहिए, क्योंकि उसकी 20 साल की सजा पूरी हो चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहलवान जैसे दोषी को फिक्स टर्म के लिए आजीवन कारावास की सजा दी गई है, लेकिन उसे तय सजा का समय पूरा होने के बाद रिहा किया जाना चाहिए।

अदालत ने यह भी कहा कि इसमें छूट आदेश (Remission Order) की कोई जरूरत नहीं है, जैसा कि उन दोषियों के मामलों में जरूरी होता है, जिन्हें अपना पूरा जीवन जेल में बिताने की सजा सुनाई गई हो।

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