Fatehpur News: यूपी के फतेहपुर में मकबरे में तोड़फोड़ के बाद भारी तनाव, हिंदू संगठनों ने मंदिर होने का किया दावा, देखें वीडियो

Fatehpur News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में सोमवार (11 अगस्त) को एक हिंदू संगठन के सदस्यों ने एक मकबरे में कथित तौर पर तोड़फोड़ की। उन्होंने दावा किया कि यह विवादित ढांचा एक मंदिर पर बना है। जिला प्रशासन ने पूरे इलाके में भारी पुलिस और पीएसी बल तैनात कर दिया है। आगे किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए विवादित स्थल के चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए हैं

अपडेटेड Aug 11, 2025 पर 2:16 PM
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Fatehpur News: फतेहपुर मकबरे के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है

UP Fatehpur News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्थित एक मकबरे को लेकर सोमवार (11 अगस्त) को काफी विवाद बढ़ गया। हिंदू संगठन के सदस्यों ने मकबरे में कथित तौर पर तोड़फोड़ की। उन्होंने दावा किया कि यह विवादित ढांचा एक मंदिर पर बना है। जिला प्रशासन ने पूरे इलाके में भारी पुलिस और पीएसी बल तैनात कर दिया है। आगे किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए विवादित स्थल के चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए हैं। मुखलाल पाल के नेतृत्व में हिंदू समूहों ने नवाब अब्दुल समद के मकबरे के अंदर एक शिव मंदिर होने का दावा किया और पूजा की योजना बनाई। इससे वहां विवाद छिड़ गया।

सोमवार सुबह फतेहपुर में विवादित स्थल पर पूजाअर्चना करने के लिए हिंदू संगठनों के हजारों लोग इकट्ठा हुए। उन्होंने जबरन पहली बैरिकेडिंग पार कर ली। जबकि दूसरी बैरिकेडिंग पर पुलिस फोर्स ने उन्हें रोक दिया। हिंदू संगठनों ने इसे मंदिर बताया है। वहीं मुस्लिमों ने इसे मकबरा करार दिया। यह विवाद सदर तहसील के रेडिया इलाके के अबू नगर में स्थित ढांचे को लेकर है।

मुखलाल पाल ने कहा, "हमारे मंदिर के स्वरूप को मस्जिद में बदल दिया गया है। हम सनातन हिंदू इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। कमल के फूल और त्रिशूल जैसे स्पष्ट संकेत हैं। हम किसी भी कीमत पर मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे।"

उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशासन ने स्वीकार किया है कि यह ढांचा कभी मंदिर था और चेतावनी दी कि अगर पूजा करने से रोका गया तो सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा, "हम शांतिप्रिय लोग हैं, लेकिन अगर हमें अपने धर्म के लिए लड़ना पड़ा, तो हम हर तरह से तैयार हैं।"

भगवा झंडा फहराने के बाद बवाल


फतेहपुर के ईदगाह परिसर में बने मकबरे पर भगवा झंडा लगाने पर बवाल शुरू हो गया। भारी संख्या में हिंदू संगठनों के लोग सोमवार सुबह करीब 10 बजे मकबरे पर पहुंचे। पुलिस की मौजूदगी में उन्होंने मकबरे को मंदिर बताकर तोड़फोड़ करने की कोशिश की।

मकबरे को लेकर तनाव तब बढ़ गया, जब हिंदू संगठनों के सदस्यों ने कथित तौर पर मकबरे पर चढ़कर तोड़फोड़ शुरू कर दी। जबकि मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने जवाब में पथराव किया। खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित की।

हिंदू संगठनों ने बताया मंदिर

हिंदू संगठन द्वारा यह दावा किए जाने के बाद कि यह मकबरा वास्तव में ठाकुर जी का मंदिर है, विवाद शुरू हो गया। हिंदू समूह के सदस्य प्रार्थना और अनुष्ठान करने के लिए आगे बढ़े। पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं। हिंदू समूह के सदस्यों से बातचीत कर रहे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पूरे शहर में पुलिस और पीएसी बल तैनात कर दिए गए हैं। हर गली और सभी प्रमुख चौराहों पर सुरक्षा दल तैनात हैं।

इस बारे में बात करते हुए बजरंग दल के फतेहपुर जिला सह-संयोजक धर्मेंद्र सिंह ने कहा, "हम दोपहर में यहाँ प्रार्थना करेंगे। प्रशासन हमें रोक नहीं पाएगा। हिंदू धर्म में कोई भी हमसे प्रार्थना करने का अधिकार नहीं छीन सकता। यह हमारा मंदिर है जिसे वे मजार कह रहे हैं...।" फिलहाल, डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे और उन्होंने हिंदू पक्ष को समझाकर वहां से भेज दिया। जबकि मुस्लिम पक्ष के लोग अभी भी मौके पर मौजूद हैं। उन्हें भी घर जाने को कहा जा रहा है।

सरकारी रिकॉर्ड में खसरा संख्या 753 के तहत आधिकारिक तौर पर मकबरा मांगी (राष्ट्रीय संपत्ति) के रूप में दर्ज यह मकबरा मठ मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति और भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित अन्य हिंदू समूहों द्वारा इसे ठाकुरजी और भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर घोषित करने के बाद विवाद का विषय बन गया है। यह विवाद कथित तौर पर 1,000 साल से भी ज्यादा पुराना है।

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