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GPS Spoofing: दिल्ली और कई दूसरे बड़े एयरपोर्ट के पास फ्लाइट्स को किया गया गुमराह, ससंद में सरकार ने किया कंफर्म

GPS Spoofing: GPS स्पूफिंग में गलत लोकेशन सिग्नल को भेजकर असली नेविगेशन डाटा को बदल दिया जाता है। प्लेन के मामले में GPS स्पूफिंग से प्लेन गुमराह किया जाता है। GNSS इंटरफेरेंस के खतरे को मैनेज करने के लिए 10 नवंबर को एक SOP जारी किया गया

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Dec 01, 2025 पर 4:59 PM
GPS Spoofing: दिल्ली और कई दूसरे बड़े एयरपोर्ट के पास फ्लाइट्स को किया गया गुमराह, ससंद में सरकार ने किया कंफर्म
नवंबर 2023 में DGCA ने GPS जैमिंग या स्पूफिंग के किसी भी मामले की रिपोर्ट करना जरूरी किया था।

पिछले एक साल में दिल्ली और भारत के कई दूसरे बड़े एयरपोर्ट्स के पास ऑपरेट करने वाली फ्लाइट्स में GPS स्पूफिंग और GNSS इंटरफेरेंस के मामले सामने आए हैं। यह खुलासा 1 दिसंबर को सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में किया। उन्होंने रिपोर्ट की गई घटनाओं के स्केल और इस समस्या को दूर करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी बताया।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री ने कहा कि नवंबर 2023 में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने GPS जैमिंग या स्पूफिंग के किसी भी मामले की रिपोर्ट करना जरूरी किया था। इसके बाद से देश के अन्य बड़े एयरपोर्ट्स से रेगुलर रिपोर्ट मिल रही हैं। इनमें कोलकाता, अमृतसर, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई एयरपोर्ट शामिल हैं।

नायडू, MP एस निरंजन रेड्डी की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब दे रहे थे। नायडू ने कहा कि नई दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) आ रहीं कुछ फ्लाइट्स ने GPS स्पूफिंग की रिपोर्ट की थी। यह समस्या रनवे 10 पर सैटेलाइट-बेस्ड लैंडिंग प्रोसीजर का इस्तेमाल करते समय सामने आई। उन्होंने कहा कि इन फ्लाइट्स के लिए कंटिंजेंसी प्रोसीजर एक्टिवेट किए गए थे। दूसरे रनवे पर कन्वेंशनल ग्राउंड-बेस्ड नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल करने वाली फ्लाइट्स पर कोई असर नहीं पड़ा।

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