बाड़मेर पुलिस को पहले ड्रग्स की आवाजाही के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी और उन्होंने रामजी की गोल चौकी को अलर्ट किया था। हालांकि, अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही बस उस क्षेत्र से निकल चुकी थी। अलर्ट फिर चितलवाना पुलिस को भेजा गया, जिन्होंने वाहन को रोकने और गिरफ्तारी करने में सफलता पाई। शुरुआती जांच से पता चला है कि यह ड्रग की खेप गुजरात के ऊंझा और मेहसाणा में पहुंचाई जानी थी। चौधरी ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि उसे यह पैकेज चन्नानी देवी नामक एक महिला से मिला था, जो बाड़मेर में एक जानी-मानी ड्रग सप्लायर है। उसे कथित तौर पर ड्रग्स पहुंचाने के लिए प्रति ट्रिप 10,000 रुपये मिलते थे।