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'यह सिर्फ पहचान का सबूत है' बिहार के बाद क्या देशभर में SIR में भी आधार शामिल किया जाएगा? CEC ने दिया ये जवाब

ANI ने CEC के अनुसार कहा, "सुप्रीम कोर्ट के आदेश और आधार अधिनियम के अनुसार, यह दस्तावेज जन्मतिथि, निवास या नागरिकता का प्रमाण नहीं है। चुनाव आयोग ने नामांकन फॉर्म में आधार कार्ड की जानकारी मांगी थी, लेकिन आधार अधिनियम और प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के सेक्शन 26 के तहत आधार नंबर देना अनिवार्य नहीं है, बल्कि वैकल्पिक है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 05, 2025 पर 10:36 PM
'यह सिर्फ पहचान का सबूत है' बिहार के बाद क्या देशभर में SIR में भी आधार शामिल किया जाएगा? CEC ने दिया ये जवाब
बिहार के बाद क्या देशभर में SIR में भी आधार शामिल किया जाएगा? CEC ने दिया ये जवाब

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि आधार कार्ड को नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जा सकता है, चाहे बिहार की SIR लिस्ट में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई हो। यह बयान उन्होंने बिहार चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में पटना में हुई चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया।

ANI ने CEC के अनुसार कहा, "सुप्रीम कोर्ट के आदेश और आधार अधिनियम के अनुसार, यह दस्तावेज जन्मतिथि, निवास या नागरिकता का प्रमाण नहीं है। चुनाव आयोग ने नामांकन फॉर्म में आधार कार्ड की जानकारी मांगी थी, लेकिन आधार अधिनियम और प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के सेक्शन 26 के तहत आधार नंबर देना अनिवार्य नहीं है, बल्कि वैकल्पिक है। यह आधार धारक पर निर्भर करता है।"

उन्होंने कहा, "आधार अधिनियम के अनुसार, आधार कार्ड न तो निवास का प्रमाण है और न ही नागरिकता का। अगर किसी ने 2023 के बाद आधार कार्ड प्राप्त किया है या डाउनलोड किया है, तो आधार कार्ड खुद ही बताता है कि यह जन्मतिथि का प्रमाण नहीं है...सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा था, और हम उसी आदेश का पालन कर रहे हैं, कि आधार कार्डों को स्वीकार करना चाहिए।

उन्होंने कहा, "हम आधार कार्ड को नामांकन फॉर्म में स्वीकार कर रहे थे और अब भी कर रहे हैं... हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है... अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता हो सकती है"।

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