Bengaluru Stampede: 4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जॉन माइकल डी'कुन्हा की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनी थी। एक सदस्यीय न्यायिक कमेटी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को अपनी रिपोर्ट सौंपी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आयोग ने 4 जून को हुई भगदड़ के लिए सीधे तौर पर कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ, डीएनए नेटवर्क्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और शहर की पुलिस को दोषी ठहराया है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कर्नाटक सरकार से भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए इस तरह की बड़ी पब्लिक गैदरिंग के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर(SOP) बनाने के लिए भी कहा है।
कार्यक्रम के आयोजन में की गई बड़ी लापरवाही
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, 'कार्यक्रम के आयोजन से होने वाली समस्याओं की जानकारी होने के बावजूद भी सभी पक्षों ने उसे नजरंदाज किया। इसमें कर्नाटक क्रिकेट संघ, RCB और पुलिस सभी की ओर से भारी चूक हुई और लापरवाही बरती गई। रिपोर्ट का हवाला देते हुए सूत्रों ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी। स्टेडियम के अंदर केवल 79 पुलिस अधिकारी थे। इसके अलावा स्टेडियम के बाहर पुलिस की उपस्थिति बहुत कम थी। साथ ही किसी भी संभावित हादसे पर मौके पर पर्याप्त एम्बुलेंस भी मौजूद नहीं थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भगदड़ दोपहर 3:25 बजे हुई, लेकिन पुलिस आयुक्त को शाम 5:30 बजे तक इसकी जानकारी नहीं दी गई।
फ्री पास को लेकर RCB ने फैलाई गलत इन्फार्मेशन
रिपोर्ट में स्टेडियम में एंट्री और फ्री पास की घोषणा को लेकर प्रशंसकों को गलत जानकारी देने के लिए RCB को भी दोषी ठहराया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि RCB पर उस दिन कार्यक्रम आयोजित करने का दबाव था क्योंकि टीम के कई खिलाड़ियों को अपने-अपने देश वापस जाना था। इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भीड़ को कंट्रोल करने के उपायों में भी प्रशासन की तरफ से विफलता हुई।
4 जून को क्या हुआ था बेंगलुरु में?
18 साल बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने IPL की ट्रॉफी अपने नाम की। इसी का जश्न मनाने के लिए टीम बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक कार्यक्रम करने वाली थी। खिलाड़ी अभी स्टेडियम पहुंचे ही थे कि 2 से 4 लाख की भीड़ वहां इकट्ठा हो गई। स्टेडियम में घुसने के लिए धक्का-मुक्की होने लगी। प्रशासन भीड़ को कंट्रोल करने में नाकाम रहा और भगदड़ मच गई। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए।