Turkey-Azerbaijan Vs India: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुर्किये और अजरबैजान से सेब के आयात पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने शनिवार (24 मई) को 'भारत मंडपम' में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में यह अनुरोध किया। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह इस पर विचार करेंगे। इस दौरान सुक्खू ने केंद्र से राज्य का लंबित धन जारी करने की मांग की।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक में उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार और इसकी लागत केंद्र के साथ साझा करने के बारे में बात की।
भारत-पाक विवाद में तुर्किए और अजरबैजान ने पाकिस्तान को समर्थन देने का ऐलान किया था। इसके बाद भारतीयों ने तुर्किए एवं अजरबैजान के उत्पादों और पर्यटन का बहिष्कार शुरू कर दिया है। भारत के पर्यटकों ने दोनों देशों के लिए वीजा आवेदन रद्द कर दिए हैं। इसके साथ ही कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने दोनों से आयात निर्यात बंद करने का फैसला लिया है।
नीति आयोग की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में सीएम सुक्खू ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री मोदी से आयातित सेबों के कारण हमारे बागवानों की गिरती कीमतों के बारे में बात की, जिससे नुकसान होता है। मैंने यह भी अनुरोध किया कि तुर्किये और अजरबैजान से सेबों पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने कहा कि वे इस बात का ध्यान रखेंगे कि सेबों के आयात से हिमाचल प्रदेश के बागवानों को नुकसान न हो।"
उन्होंने कहा, "मैंने उनसे कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के बारे में भी बात की। मैंने कहा कि विस्तार लागत का 50 प्रतिशत हम वहन करेंगे जबकि शेष 50 प्रतिशत केंद्र द्वारा वहन किया जाएगा।" सुक्खू ने तुर्किये और अजरबैजान से सेब के आयात पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध ऐसे समय किया है, जब नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को सार्वजनिक समर्थन मिलने के कारण दोनों देशों के बीच तनाव है।
सुक्खू ने कहा कि उन्होंने योजना आयोग के समक्ष अपने राज्य की कुछ पर्यावरण संबंधी चिंताओं को भी उठाया। सीएम कहा कि राज्य के ठंडे रेगिस्तानों को वन भूमि के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, जिसके कारण राज्य को उसका उचित हक नहीं मिल पाता है। मुख्यमंत्री ने कहा, "मैंने योजना आयोग से कहा कि हमारी वन भूमि 68 प्रतिशत है और वन क्षेत्र 28 प्रतिशत है। वित्त आयोग द्वारा निर्धारित मापदंडों में हमारे साथ न्याय नहीं हुआ है। नीति आयोग की बैठक में हमने यह मुद्दा उठाया कि हमारे ठंडे रेगिस्तानों को वन भूमि में नहीं गिना जाता।"
उन्होंने आगे कहा, "मैंने यह भी कहा कि हमारी बिजली परियोजनाएं, जिन्हें लोन माफी मिलती है, उन्हें राज्य को 50 प्रतिशत रॉयल्टी देनी चाहिए। मैंने उनसे कहा कि हमारा राज्य कुछ सुधारों से गुजर रहा है, इसलिए हमारी वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए राज्य को कुछ वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए।"
सुक्खू ने कहा कि अगर केंद्र लंबे समय से लंबित बकाया समय पर जारी कर दे, तो हिमाचल प्रदेश खुद आत्मनिर्भर बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को देश के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने के लिए राज्य सरकार की योजना के बारे में विस्तार से बताया। सुक्खू ने कहा कि बड़े विमानों के आवागमन के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।
शनिवार को नीति आयोग की बैठक में पीएम मोदी ने राज्यों से विकसित भारत पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य प्रत्येक राज्य, शहर, नगर पालिका और गांव को 'विकसित' बनाना होना चाहिए।