देश में टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) की जल्दी और सटीक पहचान को आसान बनाने के लिए विकसित स्वदेशी किट को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मान्यता दे दी है। तेलंगाना की हुवेल लाइफसाइंसेज ने क्वांटिप्लस एमटीबी फास्ट डिटेक्शन किट बनाई है। इसकी खासियत ये है कि यह एक साथ 96 नमूनों की जांच कम समय में कर सकती है। इस किट के उपयोग से ना सिर्फ जांच तेज होगी बल्कि खर्च भी लगभग 20 प्रतिशत तक घटाया जा सकेगा। टीबी एक संक्रामक बीमारी है।
इसलिए प्रभावित व्यक्ति के आसपास के लोगों को भी जांच कराना जरूरी होता है ताकि सामुदायिक संक्रमण रोका जा सके। इस किट के माध्यम से जांच की प्रक्रिया आसान और तेज हो जाएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग समय पर टेस्ट करा सकेंगे।
जांच कार्य में तेजी और सुविधा
क्वांटिप्लस किट फेफड़ों की टीबी का पता लगाने के लिए पहला ओपन सिस्टम RT-PCR टेस्ट है। इसे किसी भी पीसीआर मशीन से चलाया जा सकता है। इसके लिए किसी विशेष प्लेटफॉर्म की जरूरत नहीं है। इससे सरकारी अस्पताल और जांच केंद्र इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। किट के इस्तेमाल से जांच कार्य में कई गुना तेजी आएगी। साथ ही महंगी मशीनों पर होने वाला खर्च भी बच सकेगा। ये सुविधा ग्रामीण और छोटे शहरों के अस्पतालों और लैब्स के लिए भी उपयोगी साबित होगी।
नई किट को मौजूदा ट्रूनेट और पैथोडिटेक्ट उपकरणों में अपग्रेड किया गया है। इससे न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (NAAT) को विकेन्द्रीकृत तरीके से किया जा सकेगा। इसका मतलब ये है कि अब अलग-अलग जगहों पर भी तेज और भरोसेमंद जांच हो सकेगी। इसके जरिए दवा-संवेदनशील और दवा-प्रतिरोधी दोनों तरह के टीबी रोगियों का इलाज जल्दी और प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा। इससे मरीजों की पहचान और उपचार में काफी सुधार होगा।
टीबी टेस्टिंग कार्ड की नई सुविधा
ICMR ने हुवेल लाइफसाइंसेज की यूनीएएमपी एमटीबी न्यूक्लिक एसिड टेस्ट कार्ड को भी मान्यता दी है। इस टेस्ट कार्ड की खासियत ये है कि इसमें थूक की बजाय जीभ के लार से नमूने लिए जा सकते हैं। इससे बुजुर्गों, बच्चों और जिन लोगों को थूक के नमूने देना मुश्किल होता है, उनके लिए टीबी जांच आसान हो जाएगी। पहले थूक के नमूने कठिन प्रक्रियाओं के तहत लिए जाते थे, जिससे जांच करना मुश्किल हो जाता था।
भविष्य में टीबी जांच में सुधार
इस नई किट और टेस्ट कार्ड के आने से देशभर में टीबी जांच का दायरा बढ़ेगा। सरकारी और निजी लैब्स तेज, सस्ती और भरोसेमंद टेस्टिंग कर सकेंगी। इससे समय पर टीबी का पता लगेगा और संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा।