79वें स्वतंत्रता दिवस पर, प्राइवेट सेक्टर की ड्रोन बनाने वाली कई कंपनियों को ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका के लिए चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS) के प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया। पुरस्कार हासिल करने वालों में Raphe MPhibr के CEO विवेक मिश्रा, IIO टेक्नोलॉजीज के प्रमुख सनी शर्मा, वेक्टर विंग्स के साहिल बलूजा और काउंटर ड्रोन गन्स के हर्षद दवे शामिल थे। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, प्राइवेट सेक्टर की कई कंपनियों ने डिफेंस सर्विस को इक्विपमेंट, पर्सनल और कुछ खास तरह की सहायता प्रदान की थी।
यह ऑपरेशन 7 मई को पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर शुरू किया गया था, जिससे पहले 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की, भारत ने आतंकवादी खतरों को प्रभावी ढंग से ढेर कर दिया, पाकिस्तानी आक्रामकता को रोका और आतंकवाद के प्रति भारत की जीरो-टॉलरेंस नीति का पूरे दमखम से प्रदर्शन किया।
केंद्र सरकार के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "इन सभी हमलों में भारतीय संपत्तियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, जो हमारे सर्विलांस, प्लानिंग और डिलीवरी सिस्टम की प्रभावशीलता को रेखांकित करता है। लंबी रेंज ड्रोन से लेकर निर्देशित हथियारों तक, आधुनिक स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल ने इन हमलों को अत्यधिक प्रभावी और राजनीतिक रूप से संतुलित बनाया।"
ऑपरेशन सिंदूर पर स्वतंत्रता दिवस की खास छाप
इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का खास जश्न मनाया गया। इसके लोगो और थीम को ज्ञानपथ पर फूलों से सजाया गया और कार्यक्रम के निमंत्रण पत्रों में भी इसे दिखाया गया।
स्वतंत्रता दिवस के जश्न के दौरान भारतीय वायु सेना के दो Mi-17 हेलीकॉप्टर लाल किले के ऊपर से गुजरे और फूल बिखेरे। एक हेलीकॉप्टर तिरंगा लेकर फूल बरसा रहा था, वहीं दूसरा ऑपरेशन सिंदूर का बैनर लेकर उड़ रहा था, जिससे जश्न में राष्ट्रीय भावना का और रंग भर गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए “आत्मनिर्भर भारत” के विचार को सराहा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को आत्मनिर्भरता और “मेड इन इंडिया” की ताकत का उदाहरण बताया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश की स्वतंत्रता तभी पूरी होती है जब वह आत्मनिर्भर हो।
उन्होंने कहा, "अगर हम आत्मनिर्भर नहीं होते, तो क्या हम इतनी तेजी से ऑपरेशन सिंदूर कर पाते? लेकिन सेना के पास मेड इन इंडिया की ताकत थी, इसलिए बिना चिंता, बिना रुके, बिना हिचकिचाहट के हमारी सेना ने अपनी बहादुरी दिखाई। पिछले 10 सालों से हम डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने का मिशन लगातार आगे बढ़ा रहे हैं, और आज उसके नतीजे सामने हैं।"