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'2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चांद पर कदम रखेगा': Rising Bharat Summit में मंत्री जितेंद्र सिंह का बड़ा ऐलान

Rising Bharat Summit 2025: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारने में सक्षम होंगे। 2035 तक भारत सरकार को एक अपना इंटरनेशनल अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करने की उम्मीद है। डॉ. सिंह ने आगे कहा कि भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी तेजी से आगे बढ़ रही है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Apr 09, 2025 पर 4:52 PM
'2040 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चांद पर कदम रखेगा': Rising Bharat Summit में मंत्री जितेंद्र सिंह का बड़ा ऐलान
Rising Bharat Summit 2025: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ऐलान किया कि 2035 तक भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा

News18 Rising Bharat Summit 2025: अंतरिक्ष क्षेत्र को लेकर एक बड़ी घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार (9 अप्रैल) को न्यूज 18 के 'राइजिंग भारत समिट 2025' में कहा कि भारत 2040 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा पर उतारने की योजना बना रहा है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत 2040 तक अपने स्वयं के अंतरिक्ष यात्री को चंद्रमा की सतह पर उतरते हुए देखेगा। उन्होंने आगे कहा कि 2035 तक भारत का अपना इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन 'Bharat Space Station' होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमें उम्मीद है कि हम 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारने में सक्षम होंगे। 2035 तक भारत सरकार को एक अपना इंटरनेशनल अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करने की उम्मीद है।" डॉ. सिंह ने आगे कहा, "भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी तेजी से आगे बढ़ रही है। चंद्रयान और गगनयान मिशन के बाद हमारा अगला बड़ा लक्ष्य यही है कि 2040 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री चांद पर कदम रखे।"

डॉ. जितेंद्र सिंह ने समिट में बोलते हुए 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन को दुनिया के इतिहास की सबसे बड़ी भूल बताया। उन्होंने कहा, "भारत का बंटवारा एक ऐसी ऐतिहासिक चूक थी, जिसकी कीमत देश ने दशकों तक चुकाई है और आज भी चुका रहा है।" जितेंद्र सिंह ने आगे कहा, "भारत का विभाजन केवल एक भूगोलिक बंटवारा नहीं था, बल्कि यह एक सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक चोट थी, जो आज भी हमारे समाज की चेतना में गूंजती है।"

समिट की शुरुआत में सिंह ने विभाजन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को दोहराते हुए कहा कि भारत में मुसलमान इसके खिलाफ थे। मंगलवार को राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा, "तुष्टिकरण की राजनीति कोई नई बात नहीं है। कई देश आजाद हुए, लेकिन क्या कोई ऐसा देश है जिसकी आजादी विभाजन के साथ हुई हो? दो राष्ट्र सिद्धांत आम मुसलमान का फैसला नहीं था। बल्कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति करके सत्ता हासिल की, लेकिन सवाल यह है कि मुसलमानों को इससे क्या मिला?"

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