IndiGo flight cancellations: इंडिगो पायलटों का एक बिना वेरिफाई किया हुआ ओपन लेटर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन में आई संकट के लिए इंडिगो के CEO समेत टॉप मैनेजमेंट को जिम्मेदार ठहराया गया है। इंडिगो के मैनेजमेंट को लिखे इस लेटर में एयरलाइन से 'अपने अंदर झांकने' के लिए कहा गया है। इसमें CEO पीटर एल्बर्स समेत कम से कम आठ अधिकारियों के नाम लिए गए हैं। इन पर आरोप लगाया गया है कि इन्होंने ने ही पिछले हफ्ते देश भर के बड़े एयरपोर्ट पर ऑपरेशनल फेलियर की वजह से अफरा-तफरी की स्थिति पैदा की।
लेटर में आगे कहा गया है कि इंडिगो के सभी कर्मचारियों को यह मुश्किल आती हुई दिख रही थी क्योंकि इसे बनने में सालों लगे थे। पायलटों ने कहा कि एयरलाइन एक दिन में बंद नहीं हुई। X पर पोस्ट किए गए लेटर में कहा गया है, "मेरे साथी नागरिकों और इंडिगो के मैनेजमेंट के लिए खुला लेटर है। मैं यह एक प्रवक्ता के तौर पर नहीं, कॉर्पोरेट भाषा के पीछे छिपे किसी व्यक्ति के तौर पर नहीं, बल्कि एक इंडिगो कर्मचारी के तौर पर लिख रहा हूं जिसने हर शिफ्ट, हर रात बिना सोए, हर बेइज्जती, हर कम सैलरी चेक और हर नामुमकिन रोस्टर को झेला है।"
लेटर में लिखा है, "मैं यह एक भारतीय के तौर पर लिख रहा हूं, क्योंकि इस एयरलाइन की हालत अब सिर्फ एक अंदरूनी मामला नहीं है। यह इस देश के लाखों लोगों पर असर डालता है। मैं चाहता हूं कि आप यह किसी ऐसे व्यक्ति से सुनें जो काफी समय से अंदर रहा हो और समझ सके कि हम इस टूटने की स्थिति तक कैसे पहुंचे। कुछ भी रातों-रात नहीं हुआ। हम सबने इसे आते देखा इंडिगो एक दिन में नहीं गिरी। यह गिरावट सालों से बन रही थी।"
लेटर के साथ X पर उसी अकाउंट से 12-पॉइंट का एक थ्रेड भी है। इसमें डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा पायलटों के लिए वीकली रेस्ट की नई पॉलिसी को वापस लेने के बारे में "सेफ्टी बनाम प्रॉफिट" पर डिटेल में बताया गया है। लेटर में बताया गया है कि इंडिगो की मौजूदा ऑपरेशनल नाकामियां कई सालों से उसके मुख्य मूल्यों के सिस्टमिक रूप से खत्म होने की वजह से हैं।
इसमें घमंडी मैनेजमेंट, अयोग्य अधिकारियों का प्रमोशन और एक टॉक्सिक वर्क कल्चर बताया गया है। लेटर में कहा गया है कि सुरक्षा और थकान के बारे में कर्मचारियों की चेतावनी का जवाब डराने-धमकाने से दिया जाता था। इसमें ग्राउंड स्टाफ, पायलट और इंजीनियरों सहित वर्कफोर्स के गंभीर शोषण और थकान का भी आरोप लगाया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि कम स्टाफ और बेनिफिट्स खत्म होने की वजह से अक्सर बिना सही मुआवजे के कर्मचारियों से बहुत ज्यादा काम लिया जाता था।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने रविवार को कहा कि इंडिगो के चल रहे ऑपरेशनल संकट के कारण यात्रियों को मानसिक परेशानी और परेशानी हुई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जवाबदेही तय करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। पत्रकारों से बात करते हुए मोहोल ने कहा, "सभी यात्रियों को मानसिक परेशानी हुई है और उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। इंडिगो के कारण उन्हें मानसिक परेशानी झेलनी पड़ी।"
रविवार को जारी एक नए बयान में इंडिगो ने कहा कि एयरलाइन अपने नेटवर्क में और भी बड़े और लगातार सुधार कर रही है। इसमें आगे कहा गया कि इंडिगो 1500 फ्लाइट्स के मुकाबले 1650 फ्लाइट्स ऑपरेट करेगी। एयरलाइन ने बयान में कहा कि ऑन-टाइम परफॉर्मेंस में भी सुधार हुआ है, जो बढ़कर 75% हो गया है।