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16 जून से नहीं चलेंगी ओला, उबर, रैपिडो बाइक टैक्सियां! हाई कोर्ट ने दिया ये बड़ा फैसला

ओला, उबर और रैपिडो की पैरेंट कंपनियों – एनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, उबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की थी कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत पीले नंबर प्लेट वाली बाइक टैक्सियों को परिवहन वाहनों की तरह मान्यता दी जाए

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 13, 2025 पर 8:05 PM
16 जून से नहीं चलेंगी ओला, उबर, रैपिडो बाइक टैक्सियां! हाई कोर्ट ने दिया ये बड़ा फैसला
हाईकोर्ट ने बाइक टैक्सी सर्विस के खिलाफ सख्त कदम उठाया है।

कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने बाइक टैक्सी (Bike Taxi) सर्विस के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। हाईकोर्ट ने ओला, उबर और रैपिडो जैसी एग्रीगेटर कंपनियों को बड़ा झटका देते हुए राज्य में बाइक टैक्सी सेवाओं को लेकर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल इन सेवाओं को राज्य में संचालित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह इसे लेकर डायरेक्टिव जारी करे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति श्रीनिवास हरीश कुमार की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया है। उन्हें 20 जून तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी।

ओला और उबर ने की थी अपील की

एएनआई टेक्नोलॉजीज (ओला) और उबर इंडिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट में उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया था कि रैपिडो और उबर जैसी बाइक टैक्सी सेवाएं तब तक नहीं चल सकतीं, जब तक राज्य सरकार मोटर वाहन अधिनियम के तहत नियम न बना ले। कंपनियों की ओर से वरिष्ठ वकील ध्यान चिन्नप्पा ने अदालत में कहा कि हाईकोर्ट पहले ही मान चुका है कि दोपहिया वाहन को परिवहन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने कहा कि ऐसी सेवाएं तभी चल सकती हैं जब उनके लिए एक औपचारिक नीति बने।

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