Do bigha Zameen: बिमल रॉय भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का वो सितारा हैं, जिसकी चमक उनके जाने के इतने साल बाद भी बरकरार है। उनकी बनाई फिल्में अपने दौर का दस्तावेज हैं। ठीक वैसे ही जैसे 1953 में आई उनकी फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ है। उस दौर में किसानों के हालात पर बनी ये फिल्म आज भी असरदार लगती है। बहुत कम लोग जानते होंगे कि बिमल दा ने इस फिल्म का नाम गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोरी की कविता ‘दुई बीघा जमीन’ के नाम पर रखा था। इस फिल्म की कहानी इंडस्ट्रियलाइजेशन से जूझ रहे एक गरीब किसान की दुर्दशा पर आधारित थी।