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यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रुकवाने में क्यों बंधे हैं भारत के हाथ? समझें कहां फंस रहा है पूरा मामला

निमिषा के परिवार ने मृतक के परिवार से संपर्क कर एक बड़ी रकम की व्यवस्था भी की है, लेकिन मृतक परिवार और हूथी प्रशासन ने इसे सम्मान का मसला बताते हुए मुआवजा स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इसलिए मामला फिलहाल स्थिर है। निमिषा प्रिया के जीवन में यमन के गृहयुद्ध का भी बड़ा असर रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 14, 2025 पर 3:23 PM
यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रुकवाने में क्यों बंधे हैं भारत के हाथ? समझें कहां फंस रहा है पूरा मामला
Nimisha Priya: यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रुकवाने में भारत को कहां आ रही मुश्किल

केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी से बचाने के लिए भारत सरकार ने सारे कूटनीतिक प्रयास कर लिए हैं, लेकिन अब स्थिति सरकार के नियंत्रण से बाहर हो सकती है। यह जानकारी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने दी, जब दो दिन बाद यमन में निमिषा की फांसी की तारीख 16 जुलाई तय है। निमिषा प्रिया पर 2017 में यमन के एक कारोबारी तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है।

आरोप है कि तलाल ने निमिषा को प्रताड़ित किया था, जिसके बाद उन्होंने अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए उसे सेडेटिव इंजेक्ट किया, जिससे उसकी मौत हो गई। यमन की राजधानी सना की एक लोकल कोर्ट ने 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई, जिसे हूथी विद्रोही प्रशासन के सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने तीन साल बाद बरकरार रखा।

भारत और हूथी विद्रोही के बीच राजनयिक संबंध नहीं

भारत और हूथी विद्रोही समूह के बीच कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं, जो इस मामले को और जटिल बनाता है। भारत सरकार ने यमन में एक प्रभावशाली शेख से संपर्क किया और यमन की स्थानीय अधिकारियों को फांसी पर रोक लगाने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं मिला है। सरकार को केवल अनौपचारिक सूचना मिली है कि फांसी को टाल दिया जा सकता है, लेकिन यह अभी तय नहीं है कि ऐसा होगा या नहीं।

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