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Maratha quota protest: मराठा आरक्षण मुद्दे पर महाराष्ट्र में फिर तनाव! मुंबई पुलिस के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द

Maratha Reservation stir Row: मुंबई पुलिस ने मराठा आरक्षण मुद्दे को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए 2,000 से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया है। एक अधिकारी ने बताया कि शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। उन्हें जल्द से जल्द ड्यूटी पर लौटने को कहा गया है

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Aug 30, 2025 पर 5:51 PM
Maratha quota protest: मराठा आरक्षण मुद्दे पर महाराष्ट्र में फिर तनाव! मुंबई पुलिस के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द
Maratha Reservation stir Row: मनोज जरांगे मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कैटेगरी के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं

Maratha Reservation stir Row: मुंबई पुलिस ने शहर में कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर अपने सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। हजारों मराठा आरक्षण समर्थक आजाद मैदान में अनशन शुरू करने वाले जरांगे के समर्थन में दक्षिण मुंबई में इकट्ठा हुए हैं। मुंबई पुलिस ने स्थिति को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए 2,000 से ज्यादा कर्मियों को तैनात किया है। एक अधिकारी ने बताया कि शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। उन्हें जल्द से जल्द ड्यूटी पर लौटने को कहा गया है।

शुक्रवार से ही मुंबई की सड़कों और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर भीड़ उमड़ रही है। शहर में 10 दिवसीय गणेश उत्सव भी मनाया जा रहा है। इस बीच, आंदोलन के कारण छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और आसपास के इलाकों में यातायात पूरी तरह ठप हो गया। पुलिस प्रदर्शनकारियों को रास्ता खाली करने के लिए मनाने में कड़ी मशक्कत करती रही।

प्रदर्शनकारियों को दक्षिण मुंबई के मुख्य चौराहों पर उमड़ते देखा गया, जिससे सुबह के व्यस्त समय में ट्रैफिक जाम हो गया। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की भारी तैनाती की गई थी।

मराठा आरक्षण आंदोलन का दूसरा दिन

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे ने मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान में शनिवार को दूसरे दिन भी अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रखी। उन्होंने कहा कि सरकार समुदाय के धैर्य की परीक्षा न ले। जरांगे और उनके समर्थकों को रात भर हुई बारिश के कारण मैदान पर कीचड़ से जूझना पड़ा। उन्होंने शौचालयों में पानी की कमी सहित पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं न होने की शिकायत की।

शुक्रवार से आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने वाले 43 वर्षीय जरांगे ने पत्रकारों से कहा कि सरकार यह गलत बात न फैलाए कि मराठा समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे से आरक्षण चाहता है। जरांगे मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कैटेगरी के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।

वह चाहते हैं कि सभी मराठों को ओबीसी के तहत आने वाली कृषि प्रधान जाति कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए। ताकि समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिल सके। कार्यकर्ता ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गरीब मराठाओं का अपमान न करने की अपील की।

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