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Meerut Blue Drum Murder Case: "क्या साहिल-मुस्कान को मृत्यदंड दिया जा सकता है?" LLB परीक्षा में आया अजीबोगरीब सवाल

Meerut Saurabh Murder Case: हाल ही में आयोजित एक कॉलेज की LLB (Bachelor of Law) प्रवेश परीक्षा में मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड पर आधारित एक सवाल पूछा गया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इस परीक्षा में सवाल पूछा गया था कि, "क्या दोनों हत्यारोपियों (साहिल–मुस्कान) को मृत्यदंड दिया जा सकता है?"

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Aug 07, 2025 पर 7:08 PM
Meerut Blue Drum Murder Case: "क्या साहिल-मुस्कान को मृत्यदंड दिया जा सकता है?" LLB परीक्षा में आया अजीबोगरीब सवाल
Meerut Saurabh Murder Case: सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस सवाल का अपने-अपने हिसाब से जवाब दिया

Meerut Blue Drum Murder Case: उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुए चर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। सौरभ की पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की निर्मम हत्या कर शव को एक नीले प्लास्टिक ड्रम में बंद कर फेंक दिया था। जांच के दौरान हत्या के आरोप में प्रेमी-प्रेमिका की जोड़ी साहिल और मुस्कान को गिरफ्तार किया गया। इस बीच हाल ही में आयोजित एक कॉलेज की LLB (Bachelor of Law) प्रवेश परीक्षा में इस केस पर आधारित एक सवाल पूछा गया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इस परीक्षा में सवाल पूछा गया था कि, "क्या दोनों हत्यारोपियों (साहिलमुस्कान) को मृत्यदंड दिया जा सकता है?"

सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस सवाल का जवाब दिया। एक यूजर ने कहा, "इस जघन्य हत्या में मस्कान और साहिल की क्रूरता रेयरेस्ट ऑफ रेयर कैटेगरी की है। नशीला पदार्थ देकर हत्या मामले में मृत्युदंड न्यायोचित है, इससे ऐसे अपराध रुकेंगे। अदालत को यह देना चाहिए।" एक अन्य ने लिखा, "मेरी नजर में मृत्यु दंड देना चाहिए अन्यथा ये अपराध कभी नहीं रुकेंगे। आप अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कीजिए"

एक ने तंज कसते हुए लिखा, "साहिल मुस्कान (नीला ड्रम) दोनों ने जो किया वह सही किया या गलत अदालत फैसला देगीपर दोनों शिक्षा के काम आ रहे हैं इससे बड़ा काम और क्या हो सकता है?" अगले ने लिखा, "पहले जांच पूरी हो, फिर फाइल कोर्ट में जाए, फिर सुनवाई हो, फिर अपील, फिर रिव्यू, फिर क्यूरेटिव, फिर राष्ट्रपति भवन का दरवाजा। तब तक नीला ड्रम गवाही देगा, और भारत का न्याय तंत्र बॉटल में बंद इंसाफ को सूंघता रहेगा"

कई यूजर्स ने अपने जवाब में सुप्रीम कोर्ट के कई ऐतिहासिक फैसलों का हवाला देते हुए लिखा, "मृत्युदंड केवल उन्हीं मामलों में उचित है, जहां समाज पर अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ा हो और सुधार की कोई संभावना न हो।"

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