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AI content regulation: अब AI के दुरुपयोग पर लगेगी लगाम, नियमों में बड़े बदलाव कर रही सरकार

AI content regulation: सरकार ने AI और डीपफेक कंटेंट पर रोक लगाने के लिए IT नियमों में बड़े बदलाव का ड्राफ्ट जारी किया है। प्लेटफॉर्म्स को सिंथेटिक कंटेंट पर लेबल और स्थायी पहचान लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Oct 22, 2025 पर 4:14 PM
AI content regulation: अब AI के दुरुपयोग पर लगेगी लगाम, नियमों में बड़े बदलाव कर रही सरकार
अब AI जेनरेटेड कंटेंट पर लेबल लगाना अनिवार्य होगा।

AI content regulation: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 22 अक्टूबर को इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 में संशोधन का ड्राफ्ट जारी किया है। इसका मकसद जनरेटिव एआई और डीपफेक टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग को रोकना है।

सिंथेटिक कंटेंट की पहचान जरूरी

ड्राफ्ट में 'सिंथेटिक रूप से जनरेट की गई जानकारी' की स्पष्ट परिभाषा दी गई है। सिंथेटिक का मतलब है वह कंटेंट जो इंसानों ने सीधे रिकॉर्ड या लिखा नहीं है, बल्कि कंप्यूटर या AI की मदद से बनाया गया हो। इसमें AI से लिखा गया टेक्स्ट, किसी की असली तस्वीर या वीडियो को बदलकर तैयार किया गया डीपफेक कंटेंट, या किसी की आवाज की नकली रिकॉर्डिंग शामिल हो सकती है।

इसके तहत प्लेटफॉर्म्स, खासकर महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इंटरमीडियरी (SSMI) को ऐसे कंटेंट को मेटाडाटा और विजुअल या ऑडिबल मार्किंग के जरिए लेबल करना होगा। इसका मकसद इंसानों के कंटेंट और एआई कंटेंट के बीच के अंतर को स्पष्ट करना है। इससे यूजर्स को कंटेंट पहचानने में दिक्कत नहीं होगी।

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