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कहीं चली न जाए नौकरी, अपने चौथे बच्चे को जंगल पत्थर के नीचे मरने को छोड़ आया सरकारी टीचर और पत्नी, जिंदा बचा नवजात

MP Horror: ठंडी रात, जमीन की सर्दी और कीड़ों के काटने के बीच बच्चा रोता रहा। उसकी चीखें जंगल की खामोशी को तोड़ती रहीं। सुबह जब गांव वालों ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो, वे दौड़े चले आए। उन्होंने पत्थर हटाया तो देखा कि खून से लथपथ, ठंड से कांपता हुआ मासूम जिंदा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 02, 2025 पर 3:37 PM
कहीं चली न जाए नौकरी, अपने चौथे बच्चे को जंगल पत्थर के नीचे मरने को छोड़ आया सरकारी टीचर और पत्नी, जिंदा बचा नवजात
कहीं चली न जाए नौकरी, अपने चौथे बच्चे को जंगल पत्थर के नीते मरने को छोड़ आया सरकारी टीचर और पत्नी

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक सरकारी टीचर और उसकी पत्नी ने अपने ही तीन दिन के मासूम बेटे को जंगल में पत्थर के नीचे दबाकर मरने के लिए छोड़ दिया। वजह ये थी कि बच्चा उनकी चौथी संतान था और पिता को डर था कि ज्यादा बच्चे होने पर उनकी सरकारी नौकरी चली जाएगी। यह दर्दनाक घटना 23 सितंबर की सुबह हुई। पत्नी ने घर पर ही बच्चे को जन्म दिया और कुछ घंटों बाद पति-पत्नी मिलकर उसे नंदनवाड़ी जंगल में ले गए। वहां नवजात को पत्थर के नीचे दबाकर छोड़ दिया गया।

ठंडी रात, जमीन की सर्दी और कीड़ों के काटने के बीच बच्चा रोता रहा। उसकी चीखें जंगल की खामोशी को तोड़ती रहीं। सुबह जब गांव वालों ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो, वे दौड़े चले आए। उन्होंने पत्थर हटाया तो देखा कि खून से लथपथ, ठंड से कांपता हुआ मासूम जिंदा है।

पुलिस के अनुसार, पिता बाबूलाल दंडोलिया सरकारी शिक्षक हैं और मां का नाम राजकुमारी दंडोलिया है। दोनों ने गर्भ को छुपाया हुआ था, क्योंकि पहले से उनके तीन बच्चे हैं। डर था कि चौथा बच्चा होने की बात सामने आई, तो नौकरी खतरे में पड़ जाएगी। इसलिए दोनों ने यह खौफनाक कदम उठाया।

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