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Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों का हाथ, बंगाल में घुसपैठ रोकना क्यों है असंभव?

Murshidabad Violence: सूत्रों ने एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बांग्लादेश स्थित दो कट्टरपंथी संगठनों जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के सदस्य कथित तौर पर मुर्शिदाबाद हिंसा में शामिल थे। इस हिंसा में तीन लोग मारे गए थे

अपडेटेड Apr 16, 2025 पर 11:43 AM
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Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल में घुसपैठ रोकना असंभव जैसा होता जा रहा है

Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन के कारण हाल ही में हुई हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथी शामिल थे, जिन्हें कथित तौर पर एक राजनीतिक दल के स्थानीय नेताओं की मदद मिली थी। सूत्रों ने एक खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बांग्लादेश स्थित दो कट्टरपंथी संगठनों जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के सदस्य कथित तौर पर मुर्शिदाबाद हिंसा में शामिल थे। इस हिंसा में तीन लोग मारे गए थे। सूत्रों ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि हिंसा बांग्लादेशी बदमाशों द्वारा की गई थी, जिन्हें कथित तौर पर एक राजनीतिक दल के स्थानीय नेताओं की मदद मिली थी।

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर पश्चिम बंगाल में घुसपैठ रोकना क्यों असंभव जैसा होता जा रहा है। दरअसल, बंगाल हिंसा के लिए बांग्लादेशी घुसपैठ को अहम जिम्मेदार माना जा रहा है। पश्चिम बंगाल सीमा पर घुसपैठ और स्मगलिंग की समस्या काफी गंभीर होती जा रही है। बांग्लादेशी घुसपैठिए बंगाल में जड़ जमा रहे हैं।

वे हर मौके पर उत्पात मचा रहे हैं। आखिर इस घुसपैठ को पूरी तरह रोकना क्यों असंभव है? आखिर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के सामने बड़ी चुनौतियां क्या है? इसको लेकर BSF के DG रह चुके रिटायर्ड सीनियर IPS अधिकारी राकेश अस्थाना ने पूरी जानकारी दी है।


राकेश अस्थाना ने मनीकंट्रोल से खात बातचीत में कहा, "बांग्लादेश बॉर्डर से जो घुसपैठ होती है उसके लिए केवल आप BSF को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। पहले हमें यह समझना होगा की बॉर्डर है कैसे...बांग्लादेश से करीब 4,096 किलोमीटर का इंटरनेशनल बॉर्डर है। इसमें पांच स्टेट बंगाल, असम, त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम कवर करता है। 4,096 किमी में से करीब 2,200 किलोमीटर का जो इंटरनेशनल बॉर्डर है वह पश्चिम बंगाल से लगता है।"

अस्थाना ने कहा कि इसलिए बंगाल में सबसे अधिक घुसपैठ होती है। उन्होंने कहा, "इन बॉर्डर को भारत सरकार ने फेंसिंग (बाड़ लगाना) करने का निर्णय लिया है। कुछ फेंसिंग हुई भी हैं। करीब 4,096 किमी में से 3,332 किलोमीटर फेंसिंग हो चुकी है। जो बचा हुआ पोर्सन है वह लैंड है, जो अभी तक फेंसिंग नहीं हुई है। जब तक राज्य सरकार उस जमीन को केंद्र के हवाले नहीं करेगी तबतक वहां फेंसिंग नहीं हो सकती है।"

उन्होंने कहा कि जहां फेंसिंग नहीं हुई है वहां से घुसपैठ काफी आसान है। BSF ने इन इलाकों में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। CCTV कैमरे लगाए गए हैं। रात के टाइम भी निगरानी होती है। सरकार की तरफ से यह साफ तौर पर आदेश दिया गया है कि जो भी बॉर्डर पार करने की कोशिश करता है उसे तुरंत पकड़कर कार्रवाई की जाए। BSF कार्रवाई के बाद उन्हें लोकल पुलिस को सौंप देती है। अब लोकल पुलिस उसे कैसे हैंडल करती है उस पर बीएसएफ का कोई कंट्रोल नहीं है।

राकेश अस्थाना ने बताया कि बंगाल में एक बहुत बड़ा रैकेट है जो फर्जी कागजात बनाने का काम करता है। वे घुसपैठियों के फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाते हैं। वे उनका आधार कार्ड और राशन कार्ड बनाते हैं ताकी उन्हें कोई चेक नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि यह चुनौती बड़ी है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसे हैंडल नहीं किया जा सके। उनको क्रॉस चेक किया जा सकता है।

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अब बंगाल पुलिस उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते है या नहीं यह बड़ा सवाल है। क्योंकि BSF हर समय तो बल का प्रयोग नहीं कर सकती है। अस्थाना ने कहा कि बीएसएफ को अब काफी सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों की तरफ से BSF पर घुसपैठ के लिए आरोप लगाना बिल्कुल ही गलत है।

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