National Herald Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार (21 मई) को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा अन्य के खिलाफ प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है। ED ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को 142 करोड़ रुपये के "अपराध की आय" से लाभ हुआ है। न्यूज 18 के मुताबिक, केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि नेशनल हेराल्ड से संबंधित संपत्तियां नवंबर 2023 में कुर्क की गई थीं। तब तक आरोपी "अपराध की आय का आनंद ले रहे थे"।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ED ने विशेष जज विशाल गोग्ने के समक्ष दलील रखीं। मामले का संज्ञान लिया जाए या नहीं, इस बारे में शुरुआती दलील में प्रवर्तन निदेशालय ने यह बात कही। इस बीच, जज ने ईडी को निर्देश दिया कि मामले में अपने चार्जशीट की एक कॉपी वह भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी को दे जिनकी निजी शिकायत के आधार पर ईडी ने मौजूदा मामला दर्ज किया था।
स्वामी की 26 जून, 2014 में दाखिल एक निजी शिकायत पर मजिस्ट्रेटी अदालत द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद ईडी ने 2021 में अपनी जांच शुरू की थी। एजेंसी ने हाल में अपना चार्जशीट दायर किया था। एएसजी राजू ने कहा, "अपराध की आय में न केवल अनुसूचित अपराध से प्राप्त संपत्तियां शामिल हैं, बल्कि अपराध की आय से "संबंधित" कोई अन्य आपराधिक गतिविधि भी शामिल है।"
ED ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने "अपराध की आय" प्राप्त करने के दौरान ही नहीं, बल्कि इसे अपने पास रखने के दौरान भी मनी लॉन्ड्रिंग की। इसी के साथ प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का 'प्रथम दृष्टया' मामला बनता है।
ED ने दावा किया है कि शिकायत में कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों द्वारा एक आपराधिक साजिश को उजागर किया गया है। इसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, उनके सांसद बेटे राहुल गांधी, कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के अलावा अन्य नेताओं और एक निजी कंपनी 'यंग इंडियन' शामिल हैं।
इन सभी पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से संबंधित 2,000 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की संपत्तियों का गलत तरह से अधिग्रहण कर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप है। सोनिया और राहुल यंग इंडियन के शेयरधारक हैं। दोनों के पास 38-38 प्रतिशत शेयर हैं।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दावा किया है कि नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के लिए नकली किराया समझौतों, अग्रिम किराया भुगतान और फर्जी विज्ञापनों का इस्तेमाल किया गया। साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपों में कोई दम नहीं है।
बीजेपी प्रवक्ता प्रत्यूष कंठ ने कहा कि नेशनल हेराल्ड की शुरुआत 1938 में लोगों की भावनाओं को व्यक्त करने के लिए की गई थी। लेकिन नेहरू-गांधी परिवार ने इसकी अचल संपत्ति पर नजर गड़ाकर इसे निजी संपत्ति में बदलने की कोशिश की।
जांच का हवाला देते हुए कंठ ने दावा किया कि 'यंग इंडियन' नामक एनजीओ को ऐसे लोगों और संस्थाओं से 18.12 करोड़ रुपये का दान मिला, जो वास्तविक नहीं पाए गए। उन्होंने कहा कि यंग इंडियन के 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड अखबार के स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड को मिले 142 करोड़ रुपये के किराए के एक बड़े हिस्से का किसी भी समझौते में जिक्र नहीं था।
ED ने गांधी परिवार और कांग्रेस के अन्य सदस्यों पर एक नई व्यवस्था के जरिए करीब 988 करोड़ रुपये की कथित चोरी का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने जांच एजेंसी और केंद्र पर जांच एजेंसियों का राजनीतिक प्रतिशोध के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।