Prashant Kishor Maun Vrat: राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने हाल में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में जन सुराज पार्टी को मिली करारी हार के बाद गुरुवार (20 नवंबर) को एक दिन का मौन व्रत रखा। जन सुराज पार्टी द्वारा जारी बयान के अनुसार, किशोर ने पश्चिम चंपारण जिले में महात्मा गांधी द्वारा करीब एक सदी पहले स्थापित भीतिहरवा आश्रम में पहुंचकर मौन व्रत रखा। बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों की गिनती में प्रशांत कुमार की पार्टी का खाता भी नहीं खुल पाया था। नीतीश कुमार ने गुरुवार को 10वीं बार सीएम पद की शपथ ली।
महात्मा गांधी के प्रति गहरा सम्मानभाव रखने के लिए जाने जाने वाले किशोर ने तीन साल पहले यहीं से 3,500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की शुरुआत की थी। यह यात्रा पिछले साल गांधी जयंती के दिन जन सुराज पार्टी के गठन के साथ समाप्त हुई थी। 48 वर्षीय किशोर पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष मनोज भारती सहित अन्य नेताओं के साथ आश्रम पहुंचे। उन्होंने वहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद मौन उपवास शुरू किया।
इससे पहले प्रशांत किशोर ने बुधवार को कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का उनका निर्णय गलती माना जा सकता है। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि उनकी पार्टी को चार प्रतिशत से कम वोट मिलेंगे। हाल में समाप्त हुए विधानसभा चुनावों में जन सुराज पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही। उन्होंने कहा, "बिहार जीते बिना मैं पीछे नहीं हटूंगा। इसमें कितना समय लगेगा, मैं नहीं जानता।"
NDTV को दिए इंटरव्यू में किशोर ने कहा, "चुनाव नहीं लड़ने का मेरा फैसला गलती माना जा सकता है। संतोषजनक परिणाम पाने के लिए हमें अभी बहुत काम करना है। मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि हमारी पार्टी को चार प्रतिशत से कम वोट मिलेंगे।" पूर्व चुनावी रणनीतिकार ने यह भी कहा कि बिहार में जीत हासिल करने की उनकी कोशिश जारी रहेगी।
किशोर ने यह भी दावा किया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) को सिर्फ 25 सीटों पर सीमित रहना पड़ता। यदि उनकी सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हर विधानसभा क्षेत्र में 60,000 से अधिक लाभार्थियों को 10,000 रुपये नहीं दिए होते। साथ ही पूरे राज्य की 1.5 करोड़ महिलाओं को स्व-रोजगार योजना के तहत दो लाख रुपये देने का वादा नहीं किया होता तो जरूर ऐसी जीत नहीं होती।
किशोर ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने जनता के पैसों से 40,000 करोड़ रुपये की घोषणाएं कीं और चुनाव से ठीक पहले बड़ी राशि बांटी गई। जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कुमार ने भारत के संविधान की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के कई अन्य शीर्ष नेता शामिल हुए।